देहरादून । विश्व संवाद केंद्र देहरादून में आयोजित एक प्रेस वार्ता में उत्तराखंड राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाह दिनेश जी सेमवाल ने संघ की राष्ट्रीय गतिविधियों और भविष्य की योजनाओं के विषय में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अनंत काल से ही हिंदू समाज एक प्रदीर्घ और अविस्मरणीय यात्रा में साधनारत रहा है, जिसका उद्देश्य मानव एकता और विश्व कल्याण है। तेजस्वी मातृशक्ति सहित संतों, धर्माचार्यों, तथा महापुरुषों के आशीर्वाद एवं कर्तृत्व के कारण हमारा राष्ट्र कई प्रकार के उतार-चढ़ावों के उपरांत भी निरंतर आगे बढ रहा है।
काल के प्रवाह में राष्ट्र जीवन आए अनेक दोषों को दूर कर एक संगठित, चारित्र्यसंपन्न और सामर्थ्यवान राष्ट्र के रूप में भारत को परम वैभव तक ले जाने हेतु परम पूजनीय डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार ने सन 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्य प्रारम्भ किया। संघकार्य का बीजारोपण करते हुए, डॉ हेडगेवार ने दैनिक शाखा के रूप में व्यक्ति निर्माण की एक अनूठी कार्यपद्धति विकसित की, जो हमारी सनातन परंपराओं व मूल्यों के परिप्रेक्ष्य में राष्ट्र निर्माण का निःस्वार्थ तप बन गया। उनके जीवनकाल में ही इस कार्य का एक राष्ट्रव्यापी स्वरूप विकसित हो गया।
श्री सेमवाल ने बताया कि द्वितीय सरसंघचालक पूजनीय श्री गुरुजी (माधव सदाशिव गोलवलकर) के दूरदर्शी नेतृत्व में राष्ट्रीय जीवन के विविध क्षेत्रों में शाश्वत चिंतन के प्रकाश में कालसुसंगत युगानुकूल रचनाओं के निर्माण की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई।
उन्होंने कहा कि सौ वर्ष की इस यात्रा में संघ ने दैनिक शाखा द्वारा अर्जित संस्कारों से समाज का अटूट विश्वास और स्रेह प्राप्त किया।
इस कालखंड में संघ के स्वयंसेवकों ने प्रेम और आत्मीयता के बल पर मान-अपमान और राग-द्वेष से ऊपर उठ कर सबको साथ लेकर चलने का प्रयास किया। संघकार्य की शताब्दी के अवसर पर हमारा कर्त्तव्य है कि पूज्य संत और समाज की सज्जन शक्ति जिनका आशीर्वाद और सहयोग हर परिस्थिति में हमारा संबल बना, जीवन समर्पित करने वाले निःस्वार्थ कार्यकर्ता और मौन साधना में रत स्वयंसेवक परिवारों का स्मरण करें। अपनी प्राचीन संस्कृति और समृद्ध परंपराओं के चलते सौहार्दपूर्ण विश्व का निर्माण करने के लिए भारत के पास अनुभवजनित ज्ञान उपलब्ध है। हमारा चिंतन विभेदकारी और आत्मघाती प्रवृत्तियों से मनुष्य को सुरक्षित रखते हुए चराचर जगत में एकत्व की भावना तथा शांति सुनिश्चित करता है।
प्रांत कार्यवाह ने कहा कि संघ का यह मानना है कि धर्म के अधिष्ठान पर आत्मविश्वास से परिपूर्ण संगठित सामूहिक जीवन के आधार पर ही हिंदू समाज अपने वैश्विक दायित्व का निर्वाह प्रभावी रूप से कर सकेगा। अतः हमारा कर्त्तव्य है कि सभी प्रकार के भेंदों को नकारने वाला समरसता युक्त आचरण, पर्यावरणपूरक जीवनशैली पर आधारित मूल्याधिष्ठित परिवार, ‘स्व’बोध से ओतप्रोत और नागरिक कर्तव्यों के लिए प्रतिबद्ध समाज, का चित्र खड़ा करने के लिए हम सब संकल्प करते हैं। हम इसके आधार पर समाज के सब प्रश्नों का समाधान, चुनौतियों का उत्तर देते हुए भौतिक समृद्धि एवं आध्यात्मिकता से परिपूर्ण समर्थ राष्ट्रजीवन खड़ा कर सकेंगे।अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा सज्जन शक्ति के नेतृत्व में संपूर्ण समाज को साथ लेकर विश्व के सम्मुख उदाहरण प्रस्तुत करने वाला समरस और संगठित भारत का निर्माण करने हेतु संकल्प करती है।
उत्तराखंड में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा संचालित सेवा कार्य
उत्तराखण्ड में 463 सेवा बस्ती हैं, जिसमें 305 में सेवा कार्य संचालित हो रहे हैं।
• वन टीचर वन स्कूल (एकल अभियान) का 4000 ग्रामों में कार्य है।
• वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा 333 ग्रामों में संस्कारशालाएं संचालित हैं।
• विवेकानन्द हेल्थ मिशन के 11 चिकित्सालय संचालित हो रहे हैं।
• उत्तराञ्चल उत्थान परिषद, दैवीय आपदा सहायता समिति द्वारा छात्रावास एवं गाँव-गाँव स्वावलंबन के केन्द्र चलाए जा रहे हैं।
• ऋषिकेश में 430 बेड का एक माधव विश्राम गृह संचालित हो रहा है।
संघ शताब्दी वर्ष – विजयादशमी (02 अक्टूबर 2025) से विजयादशमी (20 अक्टूबर 2026) तक ओयोजित होने वाले कार्यक्रम
• शताब्दी वर्ष 02 अक्टूबर 2025 (विजयादशमी) को खंड/नगरों में पूर्ण गणवेश के कार्यक्रमों से आरम्भहोगा।
• नवम्बर 2025 से जनवरी 2026 के मध्य 21 दिन घर-घर सम्पर्क अभियान चलाया जाएगा।
• उत्तराखण्ड में 649 बस्ती एवं 712 मंडलों में हिन्दू सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा।
• नगर/खण्डों में सामाजिक सद्भाव गोष्ठियों का आयोजन होगा।
• जिला स्तर पर प्रबुद्ध नागरिक गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा।
• प्रान्त/विभाग/जिला स्तर पर युवा सम्मेलनों का आयोजन होगा।
• 20 सितम्बर 2026 से 10 अक्टूबर 2026 तक अधिकतम स्थानों पर सात दिनों तक शाखाविहीन स्थानों पर शाखा लगाई जाएगी।
पत्रकार वार्ता में प्रांत प्रचार प्रमुख संजय जी, मीडिया संपर्क प्रमुख बल्देव पराशर भी मौजूद रहे।
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