डच मुस्लिम ब्रांड मेराकी अपना स्टोर फ्रांस में खोलने जा रहा है। उसने वहाँ पर जाने से पहले एक अपने प्रचार के लिए एक विज्ञापन बनाया। उस विज्ञापन में एफिल टावर को वे मुस्लिम पोशाक और हिजाब पहनाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
22 मार्च से लेकर 30 मार्च तक यह स्टोर पेरिस के मरैस जिले में अपने स्टोर खोल रहा है, मगर इसके साथ ही एक पूरा विवाद आरंभ हो गया है। यह रमजान के आखिरी हफ्ते में अपना स्टोर खोलने जा रहा है। इस ब्रांड ने 10 मार्च को टिकटोक पर एक वीडियो साझा किया। और इसमें फ्रांस के सबसे बड़े प्रतीक एफिल टावर को अबाया और परदे में दिखाया।
Dutch fashion brand Merrachi has stirred controversy in France with its latest advertisement featuring the Eiffel Tower draped in a hijab.#Merrachi #EiffelTower #ControversialAd #Barlamantoday pic.twitter.com/WZt1X4vXB6
— Barlaman Today (@BarlamanToday) March 17, 2025
इसे लेकर लोगों के भीतर बहुत ज्यादा गुस्सा है। हालांकि यह स्टोर शायद वहाँ पर खुल चुका है और इसकी ओपनिंग के वीडियोज़ भी सामने या चुके हैं। मगर इस वीडियो को देखकर लोगों ने प्रश्न किया कि यह क्या है? क्योंकि इसकी जो खास पंक्ति थी, वह फ्रांस की सरकार को चुनौती देने वाली थी।
इसमें लिखा था कि फ्रांसीसी सरकार को मेराकी के आने से नफरत है।“ वीडियो में फ्रांस की सरकार द्वारा हिजाब को प्रतिबंधित करने के भी दावे किये गए हैं। सिटीजन पॉलिटिकल मूवमेंट के सह-संस्थापक, फिलिप म्यूरर, ने एक्स पर लिखा कि “हमें शांत नहीं बैठना चाहिए। इस ब्रांड के स्टोर को प्रतिबंधित करना चाहिए और फ्रांस में उनकी ऑनलाइन बिक्री को रोकना चाहिए।“
https://Twitter.com/PhilippeMurer/status/1899555260198265200?
सोशल मीडिया पर जब विज्ञापन जारी हुआ तो बहुत से मुस्लिमों ने इस विज्ञापन का स्वागत किया और एफिल टावर को हिजाब में देखकर खुशी जाहिर की। लोगों ने कहा कि “यह हिजाब में और सुंदर लग रही है।“ किसी मुस्लिम यूजर ने लिखा कि “सिस्टर एफिल, इस्लाम में आपका स्वागत है।“ तो किसी ने लिखा कि “वाह अब आप मुस्लिम हो गए हैं।“
मगर इसे लेकर फ्रांस के राष्ट्रवादी लोगों में गुस्से की लहर है। उनका कहना है कि एफिल टावर उनकी पहचान का प्रतीक है। और उसे ही इस्लामी कपड़े पहनाना, अर्थात फ्रांस की पूरी पहचान के इस्लामीकरण का यह विज्ञापन है। इसे लेकर वे लोग भी गुस्से में हैं, जो इस्लामी शासकों की कट्टरता का शिकार होकर अपने देश को छोड़कर यूरोप में शरण लिए हुए हैं। ईरान की ऐसी ही एक नेता अरनकमंगर (AranKamangar) ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि यह अस्वीकार्य है।
https://Twitter.com/AranKamangar/status/1904507683316613605?
उन्होनें लिखा कि एफिल टावर जो कि फ्रांस की पहचान का प्रतीक है, उसे ब्रांड मेराकी ने अपने भड़काऊ विज्ञापन में इस्लामिक परदे में दिखाया है। उन्होनें इसे वैचारिक और व्यावसायिक शोषण बताया जो उदारवाद और धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों के साथ संघर्ष करता है।
लोगों ने इसे राजनीतिक हमला बताया। लोगों ने कहा कि यह बहुत ही खतरनाक राजनीतिक प्रोजेक्ट है और अस्वीकार्य है। कुछ लोगों ने इस पर हैरानी जताई कि आखिर कैसे कुछ लोग एफिल टावर को ऐसे परदे में देखकर खुश हो सकते हैं?
इस ब्रांड की स्थापना वर्ष 2020 में मोरक्कन-डच डिजाइनर नाडा मेराकी ने की थी, और इसमें महंगे स्कार्फ, परदे, हिजाब, अबाया और अन्य लंबी ड्रेस बेची जाती हैं। पूरे यूरोप में यह ब्रांड अमीर मुस्लिम महिलाओं में बहुत लोकप्रिय है।
फ्रांस की राष्ट्रवादी पार्टी नेशनल रैली पार्टी की सांसद लिसेट पोलेट ने इसे एक भड़काने वाला विज्ञापन बताया और इसे फ्रांस के लोकतान्त्रिक मूल्यों और विरासत पर हमला बताया। उन्होंने इसे अस्वीकार्य बताया था।
सांस्कृतिक पहचान पर मजहबी अतिक्रमण
फ्रांस में एफिल टावर उसकी अपनी सांस्कृतिक पहचान है। पूरे विश्व में फ्रांस एफिल टावर के कारण ही पहचाना जाता है। और जब उसे ही किसी मजहबी पहचान के साथ बांध लिया तो इसका अर्थ यही हुआ कि उसकी सांस्कृतिक पहचान पर पूरी तरह से हमला किया जा रहा है और उसका रूप बदलने का प्रयास किया जा रहा है। यह बिल्कुल वैसा ही प्रयास है जैसा कि भारत में असंख्य मंदिरों को तोड़कर उनपर मस्जिदें बना दी गईं।
जो मंदिर या गुरुकुल हुआ करते थे, वे भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान हैं और जब किसी मंदिर पर मस्जिद बना दी गई तो उसके सांस्कृतिक स्वरूप को ही समाप्त कर दिया गया। यही भाव इस विज्ञापन में भी दिखता है, क्योंकि एफिल टावर कोई साधारण इमारत न होकर पूरे फ्रांस की सांस्कृतिक अस्मिता का प्रतीक है, दूर दूर से लोग केवल इसे ही देखने के लिए पेरिस आते हैं और जब इसे ही अबाया और हिजाब पहना दिया जाएगा तो फ्रांस की पूरी संस्कृति पर ही अतिक्रमण हो जाएगा।
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