इमाम ने सनातन धर्म पर अध्ययन के बाद की घर वापसी
सनातन धर्म की महिमा ही ऐसी है कि जो भी इसके बारे जानने या समझने की कोशिश करता है, वो बस इसी का होकर रह जाता है। इसी क्रम में एक इमाम ने सनातन धर्म का अध्ययन किया और इसके बारे में अच्छे से जानने के बाद उसने घर वापसी कर ली। इमाम ने घर वापसी का कारण सनातन धर्म में मन की शांति, आध्यात्मिक तृप्ति और वैदिक परंपराओं की वैज्ञानिकता को दिया। इसके साथ ही इमाम ने हर साल 10,000 लोगों की घर वापसी कराने की कसम भी खाई।
हालांकि, अभी तक ये स्पष्ट नहीं हो सका है कि ये घटना कहां की है। द ऑर्गनाइजर की रिपोर्ट के अनुसार, इमाम पहले इस्लामिस्ट समुदाय के प्रमुख व्यक्तियों में से एक थे। वे इस्लामिक शिक्षा का प्रचार और प्रसार करते थे। उन्होंने एक वीडियो के माध्यम से बताया कि आस-पास के लोगों की समस्याओं का निराकरण करने की भरसक कोशिश की, लेकिन समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों से वे निपटने में नाकाम रहे। इमाम ने बताया कि इस्लाम में मुझे शांति की अनुभूति नहीं हुई।
इमाम ने बताया कि उन्होंने 2024 से प्रतिवर्ष 10,000 मुस्लिमों की घर वापसी कराने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि मेरे इस मिशन से दूसरों का शांति और आध्यात्मिक रूप से जागृत पाने में मदद करनी है, जो अनुभूति मुझे मिली है। पूर्व इमाम का कहना है कि मुस्लिम समुदाय में कई ऐसे पुरुष और महिलाएं अपने मजहब में किए जाने वाले व्यवहार से असंतुष्ट है, जिसके कारण उन्हें इसका विकल्प ढूंढना था।
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सनातन धर्म अपना चुके इमाम का कहना है कि वे अपने फॉलोवर्स को प्रकृति के करीब रहने और जीवन जीने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा सनातन धर्म में घर वापसी करने वाले लोग बड़े शहरों के दमनकारी वातावरण की जगह गांवों और जंगलों में रहकर शांति के साथ साधना करके अपनी जीवनशैली के जरिए शांति प्राप्त करते हैं।
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