उत्तराखंड जनसंख्या असंतुलन : कैसे बढ़ा जिन्ना नाई का परिवार?
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उत्तराखंड में जनसंख्या असंतुलन : जनजाति कोटी गांव में कैसे बढ़ा जिन्ना नाई का परिवार? वोटर लिस्ट पर भी सवाल

जौनसार बावर क्षेत्र में जनसंख्या असंतुलन बढ़ता ही जा रहा है। कोटी गांव में अवैध तरीके से बसे मुस्लिम परिवार ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे वोटर लिस्ट में नाम भी जुड़वाया।

by दिनेश मानसेरा
Mar 25, 2025, 09:23 am IST
in उत्तराखंड
Uttarakhand Demography change

जनसंख्या असंतुलन का विरोध करते रुद्रसेना के कार्यकर्ता

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चकराता: कोटी गांव में इन दिनों एक नया मुद्दा सामने आया है। मामला जनसंख्या असंतुलन से जुड़ा हुआ है कि कैसे बाहरी प्रदेशों से आए लोग यहां जनजाति आरक्षित क्षेत्र में स्थाई निवासी बन रहे हैं और उनके नाम वोटर लिस्ट में जुड़ गए हैं। जानकारी के मुताबिक, ईछाडी में बांध निर्माण का जब कार्य प्रारंभ हुआ तब उस दौरान सहारनपुर से मोहम्मद जिन्ना नामक नाई आया जो कोटी में रहकर के बांध निर्माण करने वाले कामगारों के बाल काटने का धंधा करने लगा।

इस दौरान जिन्ना नाई का आना-जाना अपने पैतृक गांव सहारनपुर लगा रहा और जनजाति आरक्षित क्षेत्र जौनसार बावर के शांत वातावरण में वह अपने साथ परिवार के अन्य सदस्यों को भी कोटी लाता रहा, धीरे-धीरे परिवार की संख्या बढ़ती रही, ‌उसके बाद छोटू मिस्त्री ने कोटी में कारपेंटर का काम शुरू किया, यह सिलसिला यहीं नहीं रुका। अब जिन्ना नाई के परिवार से अकरम भी कोटी कॉलोनी में बाल काटने का काम करने लगा और उसका परिवार धीरे-धीरे कोटी कॉलोनी में आकर बसता गया।

अकरम के अलावा एक व्यक्ति और भी दूसरी दुकान लेकर के कोटी में ही बाल काटने का काम करने लगा। जौनसारी खत विशायल के लोगों को यह आभास ही नहीं हुआ कि जिन्ना नाई का परिवार कब कोटी गांव के मूल निवासी हो गए, इतना ही नहीं वह यहां के वोटर भी हो गए अब ग्राम पंचायत की स्थानीय सामाजिक राजनीति को प्रभावित करने के लिए जिन्ना नाई के परिवार एक दो नहीं बल्कि 14 नाम जौनसार बावर के वोटर लिस्ट में शामिल हो गए हैं।

सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई है कि विगत कुछ वर्ष पूर्व कोटी गांव में ओबीसी सीट आई थी तब जिन्ना के परिवार अबू बकर और अकरम ने प्रयास किया था कि प्रधान के लिए वह अपनी दावेदारी प्रस्तुत करें, परंतु बाद में वह सीट अन्य आरक्षित वर्ग में तब्दील हो गई। इसलिए कोटी गांव का प्रधान कोई मुस्लिम ना हो करके जौनसारी मूल का व्यक्ति ही बना। परन्तु ये मुद्दा आगे आरक्षण में बरकरार रहेगा इसमें कोईं संदेह नहीं है।

इसे भी पढ़ें: मदरसा फंडिंग की होगी जांच, उत्तराखंड सरकार का बड़ा आदेश

क्या है कोठी गांव की खास बात?

खत विशायल का कोटी गांव का अपना एक विशेष महत्व है कोटी‌ गांव ईछाडी बांध निर्माण से पहले एक दूरस्थ गांव की श्रेणी में आता था और मोटर मार्ग से भी बहुत दूर था 70 के दशक में जब कोटी ईछाड़ी में बांध का कार्य प्रारंभ हुआ तब मोटरमार्ग आने के बाद कोटी गांव मुख्य धारा से जुड़ गया। कोटी गांव में विभिन्न जातियों के लगभग 46 परिवार निवास करते हैं जिसमें लगभग 600 के आसपास मतदाता होंगेl ग्राम परिहाड और कोटि संयुक्त ग्राम पंचायत है।

गांव में महासू महाराज का भव्य मंदिर है जो आसपास के खतों के लिए आस्था का केंद्र है। इस गांव का प्राचीन नाम दोदोऊ था। ईछाडी बांध निर्माण के बाद इस गांव को कोटि नाम से नई पहचान मिली। यहां के लोग आध्यात्मिक और धार्मिक रूप से अत्यधिक संपन्न हैं।

हम शांतिपूर्ण तरीके से कोटी में रह रहे हैं: अकरम 

इस संबंध में जब कोटी कॉलोनी में रह रहे अकरम से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम लंबे समय से यहां रह रहे हैं और शांतिपूर्वक तरीके से रह रहे हैं। साथ में जब यह पूछा गया कि आपका परिवार का नाम वोटर लिस्ट में है, तो उन्होंने सहमति जताई है कि हां मेरा नाम वोटर लिस्ट में है।

रूद्रसेना का विरोध

जौनसार बावर के कोटी गांव में फर्जी कागजातों से वोटर लिस्ट पर नाम दर्ज करने का एक मुस्लिम परिवार का मामला तब सामने में आया जब रुद्र सेना के संस्थापक राकेश उत्तराखंडी ने सभी कागजात फेसबुक पर सार्वजनिक इसमें बताया गया है कि जौनसार बावर के कोटी गांव की वोटर लिस्ट में 14 मुस्लिमों के नाम जुड़े हुए हैं।

कोटी स्थित शीश महल में हुई स्थानीय लोगों की बैठक में राकेश उत्तराखंडी ने सभी दस्तावेजों के साथ अपनी बात खत वासियों के सामने रखी और कहा है कि अवैध कागजात बनाकर कोठी में निवास कर रहे मुस्लिम परिवार कोटी गांव में वोटर कैसे बन गए हैं? और कोटी में किस आधार पर रह रहे हैं इन तमाम विषयों को खत वासियों के सामने अपना पक्ष रखा। राकेश उत्तराखंडी की मानें तो उनका कहना है कि लंबे समय से मुझे इस बात का अंदेशा था कि ये अंदर ही अंदर अपने सभी दस्तावेज इस आधार पर तैयार कर रहे थे कि आने वाले समय में अन्य पिछड़ा वर्ग की सीट आने की संभावना है तो वह आसानी से चुनाव लड़ सकते हैं। क्योंकि कोटी कालोनी में ओबीसी का अन्य कोई उम्मीदवार नहीं है।

युवा समिति खत विशायल के अध्यक्ष जयपाल सिंह राणा ने कहा कि हम इस घटना को बर्दाश्त नहीं करेंगे। जल्द से जल्द इन सभी की दुकानें खाली करवाकर अपने लोगों को रोजगार से जोड़ेंगे।

बैठक में बनाया लिखित फैसला

बैठक में लिखित फैसला बनाया गया कि अकरम अवैध रूप से कोटी कॉलोनी में सरकारी आवास में रह रहे हैं। ये लोग सात दिन के भीतर सभी अपनी दुकान और मकान खाली करवाएंगे। वहीं पूरे खत वासियों द्वारा निंदा प्रस्ताव पारित किया गया,और यह भी कहा गया है कि‌ खत के अन्य लोग इनको अपना मकान जो किराया आदि में देंगे उन पर ₹ एक लाख रुपए अर्थ दंड और गांव से उस परिवार का सार्वजनिक बहिष्कार किया जाएगा।

प्रशासन की नजर

रुद्रसेना और कोटी ग्राम क्षेत्र के प्रतिनिधियों पर प्रशासन बराबर नजर रखे हुए हैं। किसी भी अप्रिय घटना होने की संभावना को देखते हुए, ग्राम में पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

बैठक में स्याणा सरदार सिंह, मुकेश सिंह, दर्शन सिंह, शांति चौहान, अजब सिंह, प्रताप सिंह, भोपाल सिंह, मनजीत, राजेंद्र नेगी, करम सिंह, हंसराज नेगी, अतर सिंह आदि सहित बड़ी संख्या में युवा उपस्थित थे।

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