देहरादून: कुछ माह पहले जिले के सहसपुर क्षेत्र का एक मदरसा, जिसका नाम जामी उल उलूम है, चर्चाओं में आया था। वजह थी इस मदरसे में लगी पानी की टंकी सरकारी थी या निजी तौर पर इसको बनाया गया। टंकी के ऊपर लाउड स्पीकर भी लगे थे, जिन्हें बाद में प्रशासन ने उतरवा दिया था।
अब ये मदरसा एक मंजिल अवैध निर्माण को लेकर सुर्खियों में आया है जिस पर धामी सरकार ने सख्त कारवाई करते हुए यहां सीलिंग की कारवाई कर दी। विकासनगर के एसडीएम विनोद कुमार ने पहले मदरसा संचालकों को नोटिस जारी किया था। इसके बाद आज इस मदरसे के अवैध निर्माण को प्राधिकरण अधिकारियों की मौजूदगी में सील कर दिया गया।
देहरादून के सबसे बड़े मदरसों में से है एक
सहसपुर का ये मदरसा देहरादून जिले के सबसे बड़े मदरसों के रूप में जाना जाता है। उल्लेखनीय है कि यहां पूर्व में पानी की टंकी के अवैध निर्माण को लेकर भी खबरें सुर्खियों में रही थीं। इसके बावजूद मदरसा इंतजामिया कमेटी ने बेखौफ होकर मदरसे एक और मंजिल बना डाली। मदरसे के भीतर मस्जिद भी बताई जाती है।
उल्लेखनीय है सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि 2009 के बाद कोई भी धार्मिक स्थल बिना डीएम की अनुमति के बगैर नहीं बनाया जा सकता। ये मदरसा और मस्जिद दोनों है इसलिए यहां किसी भी निर्माण के लिए प्रशासन की अनुमति आवश्यक है।
बहरहाल ये मदरसा एक बार फिर सुर्खियों में है। क्या यहां हो रहा निर्माण अवैध है? इस बारे में सीलिंग की कार्रवाई किए जाने के बाद मदरसा संचालकों को जिला प्रशासन के आगे अपने पक्ष रखना होगा।
बहरहाल जिला प्रशासन की इस सख्त कारवाई से मुस्लिम संगठनों में रोष भी देखा गया है। जबकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट कहा है जो अवैध है उस पर प्रहार जारी रहेगा। चाहे वो मजार हो मदरसे हो या अतिक्रमण हो, सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
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