वक्फ संशोधन विधेयक-2024 को लेकर देश में मचे सियासी घमसान के बीचे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) एक बार फिर से इस बिल के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रही है। इस पर संसद की जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ये लोग देश में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं और अल्पसंख्यकों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ को वक्फ के लिए बनी जेपीसी के समक्ष बुलाया था। हमने उनके सुझावों को रिकॉर्ड में लिया है। उनके द्वारा उठाए गए सभी मामलों पर हमने संज्ञान भी लिया। इसके साथ ही जेपीसी के अध्यक्ष ने सवाल किया कि जब सरकार अभी तक संशोधित विधेयक लेकर ही नहीं आई है, अभी हमने केवल अपने 428 पेज का रिपोर्ट ही सबमिट किया है। हमने भी 15 अमेंडमेंट किए हैं। उस रिपोर्ट के आधार पर अमेंडेड बिल आएगा।
फिर बिल के बाद अगर देश को ऐसा लगता है कि देश को एक पारदर्शी बिल आया है। अगर उससे गरीबी, बच्चों, महिलाओं पसमांदा मुसलमानों को फायदा होगा। ऐसे में वक्फ के रखरखाव के लिए एक बेहतर कानून बने, इसलिए अभी कानून भी नहीं बन पाया है, तो आखिर क्यों AIMPLB देशव्यापी प्रदर्शन की धमकी दे रहा है। इमरान मसूद कांग्रेस पार्टी के हैं, वो जेपीसी कमेटी के सदस्य भी थे। मसूद वक्फ बिल के हर क्लॉज की वोटिंग में शामिल भी हुई थे।
अराजकता फैला रहे इमरान मसूद
जेपीसी चेयरमैन कांग्रेस सांसद इमरान मसूद को लेकर कहते हैं कि इमरान मसूद जेपीसी के अध्यक्ष रहे हैं और वो अच्छे से इस बात को जानते हैं कि एक बेहतर कानून बनने जा रहा है। इमरान मसूद को पता है कि अभी तक वक्फ बोर्ड के मुतवल्ली रहे लोग इसकी संपत्तियों को खुर्द-बुर्द कर रहे थे, जिससे गरीबों को कोई लाभ नहीं मिल रहा था। ये सब जानते हुए भी इमरान मसूद इस बिल का विरोध करके देश में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
17 मार्च को भी किया था विरोध
गौरतलब है कि AIMPLB ने वक्फ बिल के विरोध में दिल्ली के जंतर मंतर पर इसी माह की 17 तारीख को एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया था। उस दौरान भी जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि अगर सबकुछ जानते हुए भी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड प्रदर्शन कर रहा है तो ये देश को नफरत की आग में झोंकने और संसद के कानून बनाने के अधिकार को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा करके मुस्लिम संगठन लोगों को भ्रमित करके उनके बीच मतभेद पैदा करने की साजिश रच रहा है। उसका ये कदम बिल्कुल भी लोकतांत्रिक नहीं है।
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