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मुस्लिम शरणार्थियों से स्वीडन में जनसंख्या असंतुलन गहराया: SVT की सीरीज और वोक माइंडसेट

मुस्लिम शरणार्थियों के कारण स्वीडन में जनसंख्या असंतुलन बढ़ रहा है। SVT की बिग बजट सीरीज पर वामपंथी एजेंडे और ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने का आरोप। जानें स्वीडन के इतिहास और विवाद की पूरी कहानी।

Published by
Kuldeep singh

मुस्लिम शरणार्थियों के कारण यूरोप में जनसंख्या असंतुलन बढ़ता जा रहा है। जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, नॉर्वे हो या हो स्वीडन। सभी का हाल एक जैसा है। बीते कुछ दशकों में इन देशों में मुस्लिम शरणार्थियों की जनसंख्या में तेजी से इजाफा हुआ है, जिससे देश की जनसंख्या असंतुलन एक बड़ी समस्या बन गई है। इसी को दर्शाता है एक वीडियो। देश के स्टेट टीवी ने एक बिग बजट सीरीज शुरू की है। इसे बताया जा रहा है कि ये स्वीडन का इतिहास है।

रेडियो जेनोआ के द्वारा शेयर किए गए वीडियो में दिखाया गया है कि किस प्रकार से स्वीडन के इतिहास की शुरुआत में लोग जंगली पशुओं का शिकार करके अपना जीवन यापन कर रहे थे। 44 सेकंड के इस वीडियो में इसके बारे में दिखाया गया है। लेकिन, इसमें सबसे खास बात ये है कि इस सीरीज में अश्वेतों को दिखाया गया है।

एसवीटी के द्वारा फिल्माई गई इस सीरीज पर ये आरोप लग रहे हैं वामपंथी मानसिकता से सने लोगों ने स्वीडन के इतिहास को नष्ट करने की साजिश रची है। इसी क्रम में डॉन ईस्टेस नाम के व्यक्ति ने कहा कि फिल्म के निर्माताओं ने ‘वोक’ मानसिकता को थोपने के चक्कर में हकीकत और ऐतिहासिक तथ्यों को नष्ट कर दिया है। ऐसा करके, उन्होंने फिल्म मनोरंजन देखने का आनंद छीन लिया। यह बकवास पूरे पश्चिम में मानक अभ्यास है। आप इसे एशिया में नहीं देखते हैं।

इसी तरह से जैसन ग्रीन कहते हैं कि यह 100% स्वीडिश पहचान को नष्ट करने और उन्हें बड़े पैमाने पर अप्रवासन के लिए और अधिक खुला बनाने का साजिश है। यह हर जगह एक जैसा ही है, जैसा कि दावा है कि स्टोनहेंज का निर्माण काले लोगों ने किया था।

क्या कहता है इतिहास

अगर स्वीडन के इतिहास की बात करें तो यह मुख्य रूप से उत्तरी यूरोपीय लोगों से जुड़ा हुआ है, जो कि मूलत: श्वेत हैं। प्राचीन काल से मध्य युग तक स्वीडन, स्कैंडिनेविया क्षेत्र में रहने वाली अधिकतर आबादी नॉर्डिक मूल की है। इतिहास की मानें तो स्वीडिश लोग कभी भी अश्वेत नहीं थे। स्वीडन में स्थायी तौर पर कोई बड़ी गैर यूरोपीय आबादी नहीं रहती थी।

17वीं, 18वीं शताब्दी में स्वीडन ने औपनिवेशिक व्यापार में हिस्सेदारी ली। 20वीं शताब्दी तक यहां विवधता बहुत कम थी। लेकिन, द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद औऱ हाल के दशकों में स्वीडन की जनसंख्या में तेजी से बदलाव आया है। देश में अप्रवासियों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। खासतौर पर मुस्लिम शरणार्थियों के आगमन के साथ ही देश में जनसंख्या असंतुलन बढ़ गया है। आज हालात ये हो गए हैं कि देश के अंदर कई ऐसे क्षेत्र तैयार हो गए हैं, जहां आम स्वीडिश लोगों की तो छोड़िए पुलिस तक की जाने की मनाही है।

स्वीडन का ये हाल वहां की सरकारों की वजह है। सरकारों ने खुद को महान दिखाने के चक्कर में पहले तो मुस्लिम शरणार्थियों को शरण दी। लेकिन अब ये ही इनके लिए सबसे बड़ी समस्या बन गए हैं।

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