देहरादून: उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उत्तराखंड के अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई करने के फैसले का समर्थन किया है।
मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष शामूम कासमी ने कहा है कि अवैध मदरसों के खिलाफ सील बंदी की कारवाई किसी समुदाय को निशाना बनाने के लिए नहीं, बल्कि अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पंजीकृत मदरसों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है और बोर्ड NCERT पाठ्यक्रम के माध्यम से मदरसों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।
श्री कासमी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपनी तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है और इसे राजनीतिक मुद्दा बना रही है।
उत्तराखंड सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में कोई भेदभाव नहीं है और सरकार सबका साथ सबका विकास के नारे के साथ सभी नागरिकों के कल्याण के लिए काम कर रही है।
कासमी ने कहा कि जो मदरसे पंजीकृत नहीं है उसके पीछे वजह उनकी खुद की कमियां है और इन्हीं कमियों के कारण यहां पढ़ने वाले बच्चों को सही और अच्छी शिक्षा नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के नियम कानून के दायरे में मदरसे रहेंगे तो इसके अच्छे परिणाम भी सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि सील किए जा रहे अवैध मदरसों के बच्चों में पंजीकृत मदरसों में भर्ती किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में 416 पंजीकृत मदरसे हैं जहां करीब 46 हजार बच्चे शिक्षा ले रहे हैं। जबकि, अपंजीकृत मदरसों की संख्या 529 है, जो कि प्रशासन ने चिन्हित किए हैं, इन्हीं अपंजीकृत मदरसों पर धामी सरकार ने सील बंदी करने का अभियान शुरू किया हुआ है और अभी तक 110 अवैध मदरसे सील किए जा चुके हैं।
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