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नाटो में दरार: यूरोपीय देश क्यों चाहते हैं अमेरिका को अलग करना?

नाटो में अमेरिकी दादागीरी और ट्रंप की नीतियों से परेशान यूरोपीय देश ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी अब अमेरिका को संगठन से अलग करने की योजना बना रहे हैं। जानें कारण और डर।

Published by
Kuldeep singh

नाटो की स्थापना रूस की आक्रामकता से निपटने के लिए अमेरिका और यूरोपीय देशों ने मिलकर की थी। लेकिन, अब नाटो में दरार पड़ती दिख रही है। अब ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी समेत बाकी के अन्य देश इस संभावना पर चर्चा कर रहे हैं कि किस प्रकार से अमेरिका को नाटो देशों से अलग किया जाए।

क्यों नाटो से अमेरिका को अलग करना चाहते हैं EU देश

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुए तीन साल से ऊपर हो रहे हैं। इस युद्ध में यूक्रेन महाबली रूस के सामने अब तक केवल अमेरिकी हथियारों के बल पर ही टिक पाया है। लेकिन, बीते कुछ वक्त में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जिस प्रकार से यूरोपीय देशों को दरकिनार करके खुद ही रूस और यूक्रेन के बीच शांति स्थापित करने की कोशिश की है, उससे यूरोपीय देश, खासकर ब्रिटेन बहुत परेशान है। ईयू देशों को इस बात का डर सता रहा है कि ट्रंप उन्हें इस प्रकार से तो किनारे कर देंगे।

अमेरिकी दादागीरी से परेशान

रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि यूरोपीय देश नाटो में अमेरिकी दादागीरी से परेशान हैं। इसीलिए अब ये इस कोशिश में जुट गए हैं कि किसी प्रकार से अमेरिका को नाटो संगठन से बाहर रखा जाए। रिपोर्ट के अनुसार, यूरोपीय देश अपनी इस योजना को इसी साल जून में हेग में होने वाली नाटो की वार्षिक शिखर सम्मेलन से पहले अमेरिका के समक्ष प्रस्तुत करने की तैयारी है।

क्या है डर

ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी समेत अन्य यूरोपीय देशों के नेतृत्व में नाटो देशों को असुरक्षा की भावना सता रही है। इन्हें लगता है कि कहीं डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका इन देशों की रक्षा की अपनी प्रतिबद्धता से मुकर न जाए। या फिर कहीं पूरी तरह से अलग न हो जाए। इसीलिए, अधिकारियों का मानना है कि अब यूरोप अमेरिकी सहायता के बिना ही आगे बढ़ने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए एक अनाम अधिकारी ने कहा कि नाटो में खर्च को बढ़ाना ही एक मात्र रास्ता है।

अमेरिका पर निर्भरता को कम करते हुए आर्थिक बोझ को साझा करना और अमेरिका निर्भरता से ध्यान हटाना ही एकमात्र रास्ता है। लेकिन, अधिकारियों का ये भी मानना है कि यह इतना बड़ा काम है कि कई लोग इसके पैमाने से ही परेशान हैं।

क्या है इस परेशानी का कारण

यूरोपीय देशों की परेशानी का सबसे बड़ा कारण ये है कि ट्रंप ने नाटो सदस्यों से एक मांग की है कि रक्षा व्यय को 5 फीसदी तक बढ़ाया जाना चाहिए। अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने यूरोपीय देशों को दो टूक सुना दिया है कि अमेरिका अब से सहयोगियों की असंतुलित संबंध को अब और बर्दाश्त नहीं करेगा।

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