हाल ही में नई दिल्ली में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र एवं गोवा के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर केंद्रित पुस्तक ‘पर्वत शिरोमणि भगत सिंह कोश्यारी’ का लोकार्पण हुआ। लोकार्पणकर्ता थे लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला। उन्होंने कहा कि व्यक्ति पद से बड़ा नहीं होता, बल्कि वह अपने कृतित्व, संघर्ष और आचरण से जनप्रिय होता है।
समाज के शोषित और गरीब व्यक्ति के जीवन को बदलने के लिए कोश्यारी जी ने अपना सब कुछ समर्पित कर दिया। विशिष्ट अतिथि और केेंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी ने कोश्यारी जी को एक राजनेता नहीं, बल्कि नीति से राज करने वाला साधक बताया।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव और समारोह के अध्यक्ष प्रो. सच्चिदानन्द जोशी ने कहा कि जब आपके सामने भगतदा जैसे बड़े व्यक्तित्व हों तो सब अपने आपको छोटा मानने में भी गौरव महसूस करते हैं। दिल्ली विधानसभा के उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट ने कहा कि कोश्यारी जी हमें निरंतर कर्म और पराक्रम करने की प्रेरणा देते हैं।
उत्सव पुरुष भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क में आने के बाद से मैंने अपने जीवन को उसी संस्कार में ढालने की कोशिश की। कभी प्रसिद्धि और चर्चा में रहने की आकांक्षा नहीं पाली। पुस्तक के लेखक हैं पत्रकार मदन मोहन सती। इस अवसर पर उत्तराखंड के अनेक विधायक और विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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