नई दिल्ली, 20 मार्च (हि.स.)। प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने सेना के लिए स्वदेशी उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) हासिल करने के लिए करीब 7,000 करोड़ रुपये के सौदे को मंजूरी दी है। यह सौदा 307 हॉवित्जर के लिए है, जिनकी मारक क्षमता 45-48 किलोमीटर तक है। इस सौदे में सेना की 15 आर्टिलरी रेजिमेंटों को हथियार पहुंचाने वाले 327 गन टोइंग वाहन भी शामिल हैं। इस अनुबंध पर अगले सप्ताह सौदे पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है, जिससे भारीभरकम हॉवित्जर के निर्माण में घरेलू क्षमता को बढ़ावा मिलेगा।
भारतीय सेना ने चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर तैनाती के लिए 307 उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) खरीदने का प्रस्ताव लगभग दो साल पहले रक्षा मंत्रालय को भेजा था। मंत्रालय की मंजूरी मिलने के बाद आखिरी मुहर लगाने के लिए यह प्रस्ताव सुरक्षा कैबिनेट समिति के पास भेजा गया था। स्वदेशी हॉवित्जर के लिए यह पहला ऑर्डर होगा, जो लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर लक्ष्य को मार सकती है। परीक्षणों के दौरान टैंक के आकार और लक्ष्यों पर दिन-रात की फायरिंग, पांच राउंड बस्ट के लिए परीक्षण, लगभग तीन मिनट में 15 राउंड की रैपिड-फायर दर और हर घंटे 60 राउंड की निरंतर फायरिंग क्षमता आंकी गई है। इस दौरान रेगिस्तान में रेत के टीलों पर नेविगेशन के साथ और 70 सड़कों पर हाई-स्पीड ट्रायल हुए हैं।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की पुणे स्थित प्रयोगशाला आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) में एटीएजीएस को डिजाइन और विकसित किया गया है। डीआरडीओ ने दो निजी फर्मों टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और भारत फोर्ज समूह के साथ हॉवित्जर की तकनीक और जानकारी साझा की है। 155 मिमी/52-कैलिबर एटीएजीएस का उत्पादन भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम मिलकर करेंगे। इसमें भारत फोर्ज का हिस्सा 60 फीसदी होगा, जबकि शेष 40 फीसदी का उत्पादन टाटा करेगा। मंत्रालय के अनुसार सीसीएस से मंजूरी मिलने के बाद एटीएजीएस सौदा इसी वित्तीय वर्ष में हो जाएगा। भविष्य में एटीएजीएस के ऑर्डर बढ़ने की संभावना है, क्योंकि सेना 1,580 ऐसी तोपों की कुल आवश्यकता के लिए ‘अधिक उन्नत संस्करण’ शामिल करने की योजना बना रही है।
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