प्रतीकात्मक तस्वीर
डार्क एनर्जी, साइंस ये मानता है कि यही वो ऊर्जा है, जो इस ब्रम्हांड तो रहस्यमयी शक्ति प्रदान करती है। लेकिन, इस एनर्जी का ये घेरा अब कमजोर पड़ रहा है। इससे ब्रम्हांड को लेकर वैज्ञानिकों की अब तक की समझ को बड़ी झटका लगने वाला है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर ये डार्क एनर्जी का सिकुड़ना एक बड़े संकट का कारण हो सकता है।
अमेरिका के एरिजोना प्रांत में स्थित किट पीक एनर्जी राष्ट्रीय वेधशाला में डार्क एनर्जी स्पेक्ट्रोस्कोपिक उपकरण (DESI) इस पर नजर रख रही है। ये डेसी का ही सिद्धांत है, जिसके तहत अब तक वैज्ञानिक एक ही सिद्धांत पर स्थिर थे। कहा जाता है कि अरबों साल पहले ही यह एनर्जी अपने चरम पर पहुंच गई थी। इसको लेकर डेसी के सह प्रवक्ता और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सांता क्रूज के एक ब्रम्हांड विज्ञानी प्रोफेसर एलेक्सी लेउथौड़ हारनेट का कहना है कि जो भी हो रहा है वो बहुत ही दिलचस्प है। उन्होंने कहा कि यह सोचना बहुत ही रोमांचक है कि हम हमारे ब्रम्हांड और डार्क एनर्जी की मौलिक प्रकृति को लेकर एक बड़ी खोज के कगार पर हैं।
ये वर्ष 1990 था, जब ब्रम्हांड के विस्तार को जानने और समझने की कोशिश कर रहे वैज्ञानिकों ने डार्क एनर्जी की खोज की थी। तब वैज्ञानिकों ने ये जानने के लिए कि ब्रम्हांड कैसे अस्तित्व में आय़ा, इसके लिए सुपरनोवा के विस्फोट का सहारा लिया था। तभी पता चला था कि कोई रहस्यमयी शक्ति है, जो कि लगातार ब्रम्हांड को विस्तार दे रही है। इसी को लेकर अमेरिका के कैलिफोर्निया के एनाहिम स्थित अमेरिकन फिजिकल सोसायटी के ग्लोबल फिजिक्स समिट में ये निष्कर्ष प्रकाशित हुआ।
वैज्ञानिक अभी तक ये मान के चल रहे थे कि डार्क एनर्जी स्थिर है। लेकिन DESI ने 5000 फाइबरऑप्टिक आंखों का उपयोग करके ब्रम्हांड का एक मैप बनाया है, जिसमें 11 बिलियन वर्षों के इतिहास में 15 मिलियन आकाशगंगाओं का डेटा है। अब वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि ब्रम्हांड का विस्तार लगातार हो रहा है। डरहम विश्वविद्यालय के ब्रम्हांड विज्ञानी और डेसी के सदस्य प्रोफसर कार्लोस फ्रेंक का कहना है कि कुछ है जो ब्रम्हांड को धकेल रहा है, लेकिन ये स्थिर नहीं है।
वह कहते हैं कि मैंने सारे डेटा को अच्छे से स्टडी कर लिया है। हम पुराने प्रतिमानों को टूटते और नए प्रतिमानों को बनते देख रहे हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार, एक डार्क एनर्जी ब्रम्हांड में है। लेकिन, अगर ये ऋणात्मक हो जाए तो कैसा होगा? वैज्ञानिक कहते हैं कि अगर ये डार्क एनर्जी ऋणात्मक हो जाएगी, तो अनुमान है कि ब्रम्हांड का अंत रिवर्स बिग बैंग की तरह होगा। इसे बिग क्रंच कहा जाएगा। इतनी सारी खोजों के बाद भी वैज्ञानिक अभी तक यह नहीं जान सके हैं कि डार्क एनर्जी कैसे बनी है।
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