बिहार

जमीन के बदले नौकरी मामला: ईडी ने राबड़ी देवी और तेज प्रताप से 4 घंटे में पूछे कई सवाल, अब लालू यादव का नंबर

राबड़ी अपनी बड़ी बेटी और पाटलिपुत्र से सांसद डॉ. मीसा भारती के साथ सुबह करीब 10 बजे पटना स्थित ईडी कार्यालय पहुंचीं।

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WEB DESK

पटना, 18 मार्च (हि.स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बेटे तेज प्रताप यादव से पूछताछ की जबकि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव को समन जारी कर बुधवार को जमीन के बदले नौकरी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग जांच में पेश होने को कहा है। यह मामला 2004-09 का है, जब लालू प्रसाद केंद्रीय रेल मंत्री थे। इस मामले से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी। अलग-अलग हुई पूछताछ चार घंटे तक चली।

राबड़ी अपनी बड़ी बेटी और पाटलिपुत्र से सांसद डॉ. मीसा भारती के साथ सुबह करीब 10 बजे पटना स्थित ईडी कार्यालय पहुंचीं। दो साल के भीतर राबड़ी पूछताछ के लिए दूसरी बार ईडी कार्यालय पहुंचीं। राबड़ी देवी दोपहर करीब 2 बजे ईडी कार्यालय से बाहर आईं, जबकि तेज प्रताप, जिनसे पटना में इस मामले में पहली बार पूछताछ की गई थी, शाम 5 बजे बाहर आए। वे दोपहर 1 बजे अलग से ईडी कार्यालय पहुंचे।

ईडी का मामला 2004-09 के दौरान रेलवे भर्ती में गड़बड़ी को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर से उपजा है, जब लालू प्रसाद यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि 2004-09 (जब लालू यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे) के दौरान रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरियों में नियुक्ति की गई थी, जिसमें भारतीय रेलवे के भर्ती मानदंडों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया गया था।

उम्मीदवारों ने सीधे या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से कथित तौर पर लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को मौजूदा बाजार दरों के एक-चौथाई से एक-पांचवें हिस्से तक की रियायती दरों पर जमीन बेची। जांचकर्ताओं के अनुसार, लालू प्रसाद ने रेलवे के अधिकारियों, अपने परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों के साथ मिलकर भारतीय रेलवे के 11 क्षेत्रों में ग्रुप डी के विकल्प के रूप में उम्मीदवारों को नियुक्त किया, जो कि मौजूदा दिशानिर्देशों का पूरी तरह उल्लंघन था।

अगस्त 2024 में धन शोधन निवारण अधिनियम या पीएमएलए के तहत दायर अपने आरोप पत्र में, ईडी ने आरोप लगाया है कि लालू यादव ने अपने करीबी सहयोगी अमित कत्याल के माध्यम से पटना में कई जमीन के टुकड़े रखने के उद्देश्य से एके इंफोसिस्टम्स नामक कंपनी बनाई थी। जमीन के टुकड़े हासिल होने के बाद, 13 जून 2014 को कत्याल ने कंपनी की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी में से राबड़ी देवी (85%) और तेजस्वी यादव (15%) को हस्तांतरित कर दी। जिससे वे कंपनी के पास मौजूद जमीन के पूर्ण मालिक बन गए।

राबड़ी देवी से ईडी ने चार घंटे में कई सवाल पूछे

-तेजस्वी यादव ने दिल्ली में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी वाला बंगला कैसे लिया?

-पटना स्थित सगुना मोड़ वाले अपार्टमेंट की जमीन कैसे खरीदी गई?

-पैसे कहां से आए?

-निर्माण कब शुरू हुआ?

-आपके नाम से जो जमीन है, वो कैसे अर्जित की गई है?

-जिन लोगों से नौकरी के बदले जमीन ली गई उनको आप कैसे जानती हैं?

-आप उन लोगों से पहली बार कब मिलीं?

-उन लोगों को नौकरी देने के लिए आपने क्यों पैरवी की?

 

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