नई दिल्ली (हि.स.) । भारतीय मूल की प्रसिद्ध अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) पर लगभग नौ माह से अधिक समय बिताने के बाद मंगलवार तड़के धरती के लिए रवाना हुए। स्पेसएक्स यान अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से गंतव्य के लिए निकल पड़ा है। ऐसे में उनके सुरक्षित धरती पर वापसी के लिए भारत सहित पूरी दुनिया प्रार्थना कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नासा की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स को लिखा एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें उन्होंने लिखा है कि भारत के लोग सुनीता विलियम्स के अच्छे स्वास्थ्य और मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने सुनीता को भारत आने का निमंत्रण देते हुए कहा कि वह स्वयं सुनीता से मिलने के लिए उत्सुक हैं।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को लिखा पत्र सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर साझा किया। प्रधानमंत्री ने यह भावुक पत्र गत 1 मार्च को लिखा था।
पत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने सुनीता की उपलब्धियों पर गर्व जताया और उनकी वापसी के लिए 1.4 अरब भारतीयों की शुभकामनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने लिखा, “हाल की घटनाओं ने एक बार फिर आपकी प्रेरणादायक दृढ़ता और संकल्प को प्रदर्शित किया है। भले ही आप हजारों मील दूर हों, आप हमारे दिल के करीब हैं। भारत के लोग आपकी अच्छी सेहत और मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।”

मोदी ने यह भी बताया कि उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और जो बाइडन से अपनी मुलाकातों के दौरान सुनीता की कुशलता के बारे में पूछताछ की थी। इसके अलावा उन्होंने हाल ही में दिल्ली में नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री माइक मासिमिनो से मुलाकात का जिक्र किया, जहां सुनीता का नाम चर्चा में आया था। इस मुलाकात के बाद उन्हें सुनीता को पत्र लिखने की प्रेरणा मिली।
पत्र में मोदी ने सुनीता को भारत आने का निमंत्रण भी दिया, जिसमें लिखा, “आपके वापस आने के बाद, हम आपको भारत में देखने के लिए उत्सुक हैं। भारत के लिए अपनी सबसे प्रतिष्ठित बेटियों में से एक की मेजबानी करना खुशी की बात होगी।” उन्होंने सुनीता की मां बोनी पंड्या और उनके पति माइकल विलियम्स को भी शुभकामनाएं दीं, साथ ही उनके दिवंगत पिता दीपक पंड्या को याद किया, जिनसे वे 2016 में अमेरिका यात्रा के दौरान मिले थे।
उल्लेखनीय है कि सुनीता और उनके सहयोगी बुच विल्मोर 9 महीने से अधिक समय तक आईएसएस पर रहने के बाद मंगलवार को सुबह 11:05 बजे आईएसएस से पृथ्वी के लिए रवाना हुए। सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर की वापसी स्पेसएक्स के ड्रैगन यान से हो रही है। उनकी लैंडिंग 19 मार्च को सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा तट पर होने की उम्मीद है। यह लैंडिंग मौसम और तकनीकी तैयारियों पर निर्भर है।
भारतीय मूल की प्रसिद्ध अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता लिन विलियम्स नासा की एक अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं। उनका जन्म 19 सितंबर 1965 को यूक्लिड, ओहियो, अमेरिका में हुआ था। उनके पिता दीपक पंड्या भारत में गुजरात से थे, जबकि उनकी मां बोनी पंड्या स्लोवेनियाई मूल की हैं।
सुनीता ने अमेरिकी नौसेना में एक अधिकारी के रूप में अपने करियर की शुरुआत की और बाद में 1998 में नासा में शामिल हुईं। वह अंतरिक्ष में सबसे अधिक समय बिताने वाली महिला अंतरिक्ष यात्री के रूप में जानी जाती हैं। उनके नाम कई रिकॉर्ड हैं, जैसे कि एक महिला द्वारा सबसे अधिक स्पेसवॉक (7 बार) और सबसे अधिक स्पेसवॉक समय (50 घंटे, 40 मिनट) है।
सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से वापसी के प्रयास कई तकनीकी और लॉजिस्टिक चुनौतियों से जूझते रहे हैं। दोनों 5 जून 2024 को बोइंग स्टारलाइनर के पहले क्रू मिशन पर आईएसएस के लिए रवाना हुए थे, जो मूल रूप से 8 दिन का मिशन था। हालांकि, स्टारलाइनर में थ्रस्टर खराबी और हीलियम लीक जैसी समस्याओं के कारण उनकी वापसी में बार-बार देरी हुई।
नासा ने शुरू में स्टारलाइनर को सुरक्षित मानते हुए इसके साथ वापसी की योजना बनाई थी लेकिन गहन जांच के बाद अगस्त 2024 में फैसला लिया कि स्टारलाइनर बिना क्रू के पृथ्वी पर लौटेगा, जो सितंबर 2024 में हुआ। इसके बाद, विलियम्स और विल्मोर को स्पेसएक्स के ड्रैगन यान से लाने की योजना बनी। पहले उनकी वापसी फरवरी 2025 के लिए निर्धारित थी लेकिन स्पेसएक्स क्रू-10 मिशन के लॉन्च में देरी-नए ड्रैगन यान की तैयारी और मौसम संबंधी समस्याओं ने इसे मार्च 2025 तक टाल दिया।
क्रू-10 मिशन 14 मार्च 2025 को लॉन्च हुआ और 16 मार्च को आईएसएस से जुड़ गया। इसके बाद विलियम्स और विल्मोर सहित क्रू-9 के सदस्यों (निक हेग और अलेक्जेंडर गोर्बुनोव के साथ) की वापसी की प्रक्रिया शुरू हुई।
इन प्रयासों में नासा और स्पेसएक्स की टीमें लगातार सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही हैं, जिसके चलते हर कदम पर सावधानी बरती गई। यह घटना अंतरिक्ष यात्रा की जटिलता और अप्रत्याशित चुनौतियों को रेखांकित करती है।
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