नई दिल्ली (हि.स.) । संसद ने मंगलवार को मणिपुर के बजट और राज्य से संबंधित अनुदान की अनुपूरक मांगों को मंजूरी दे दी है। इसमें चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 51,463 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय और वित्त वर्ष 2025-26 के लिए मणिपुर का बजट शामिल है। मणिपुर में वर्तमान में राष्ट्रपति शासन लागू है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के राज्यसभा में इन पर चर्चा और जवाब के बाद इन्हें ध्वनिमत से पारित कर लोकसभा को लौटा दिया। संसद ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 1,291 करोड़ रुपये की अतिरिक्त अनुदान मांगों और चालू वित्त वर्ष 2024-25 में मणिपुर के लिए 1,861 करोड़ रुपये की अनुपूरक अनुदान मांगों को भी मंजूरी दी। इसके साथ राज्यसभा ने चार विधेयकों को लोकसभा को वापस भेज दिया है।
सीतारमण के चार विधेयकों पर चर्चा के जवाब के बाद राज्यसभा ने विनियोग विधेयक, 2025; विनियोग (सं. 2) विधेयक, 2025; मणिपुर विनियोग (लेखानुदान) विधेयक, 2025; और मणिपुर विनियोग विधेयक, 2025 को वापस कर दिया। लोकसभा ने पिछले हफ्ते ही 11 मार्च को अनुदानों की अनुपूरक मांगों और मणिपुर बजट 2025-26 को पारित कर दिया था।
वित्त मंत्री ने चर्चा के दौरान सदन को बताया कि अनुदानों की अनुपूरक मांगों के दूसरे बैच में सरकार द्वारा मांगे गए सकल अतिरिक्त व्यय की राशि 6.78 लाख करोड़ रुपये से अधिक है, जिसमें से 6.27 लाख करोड़ रुपये बचत और प्राप्तियों से पूरा किया जाएगा। अनुदानों की अनुपूरक मांगों के दूसरे बैच के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार द्वारा शुद्ध अतिरिक्त व्यय 51,462.86 करोड़ रुपये होगा।
उन्होंने बताया कि अनुदान की मांगों में 5.54 लाख करोड़ रुपये का तकनीकी अनुपूरक शामिल है, जो कर्ज की अदायगी के लिए जाता है। मणिपुर बजट में कुल 35,368 करोड़ रुपये की प्राप्तियां हैं, जबकि कुल व्यय 35,104 करोड़ रुपये अनुमानित है। राज्य का अपना कर करीब 2,634 करोड़ रुपये और गैर-कर लगभग 400 करोड़ रुपये है। यह एक लेखानुदान है, जिसमें 6 महीने का समय मांगा गया है और इस स्तर पर 17,947 करोड़ रुपये की राशि मांगी गई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि लेखानुदान में मणिपुर के लिए आकस्मिक निधि के निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान है, जो वर्तमान में राष्ट्रपति शासन के अधीन है। संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत 13 फरवरी, 2025 को जारी की गई घोषणा के परिणामस्वरूप, मणिपुर राज्य के विधानमंडल की शक्तियां संसद द्वारा या उसके अधिकार के तहत प्रयोग की जा सकती हैं।
राज्यसभा में इस पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अनुदान की अनुपूरक मांगों का बड़ा हिस्सा उर्वरक सब्सिडी और एकीकृत पेंशन योजना पर खर्च होगा। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘हम मणिपुर की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रयास करते रहेंगे।’’
मंत्री के जवाब पर असंतोष जताते हुए तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।
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