महाराष्ट्र

नागपुर हिंसा: ‘औरंगजेब एक आक्रांता था, है और रहेगा, वो कभी भी भारत का नायक नहीं हो सकता’

भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने नागपुर हिंसा को लेकर कहा कि कुछ लोगों की राजनीति हाशिए पर है। अब वो लोग औरंगजेब को अपने नायक के तौर पर पेश कर अपना वजूद तलाश रहे हैं।

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Kuldeep singh

‘औरंगजेब एक आक्रान्ता था, है और रहेगा। वो कभी भी भारत का नायक नहीं बन सकता’, ये बात भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने नागपुर में कट्टरपंथियों के द्वारा की गई हिंसा को लेकर कही है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग औरंगजेब को अपना हीरो बनाना चाह रहे हैं, लेकिन उनके ये मंसूबे सफल नहीं होंगे।

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए भाजपा सांसद ने कहा कि ये बहुत ही दुखद और गंभीर मामला है। कुछ लोग देश में औरंगजेब को ही अपना नायक बनाना चाहते हैं। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों की राजनीति हाशिए पर है। अब वो लोग औरंगजेब को अपने नायक के तौर पर पेश कर अपना वजूद तलाश रहे हैं। लेकिन, मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि ये अब संभव नहीं है। इस मामले में महाराष्ट्र सरकार ने तुरंत कदम उठाए हैं।

उन्होंने कहा कि नागपुर में हिंसा फैलाने के लिए जिम्मेदार हर तत्व के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। देश की एकता और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।

साजिश के तहत की गई हिंसा

वहीं नागपुर हिंसा पर भाजपा सांसद अनूप धोत्रे ने कहा कि यह घटना एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है। कुछ लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। उन्हें मुसलमानों की नहीं, बल्कि राजनीति की चिंता है। अपने निजी हितों को साधने के लिए कुछ राजनेताओं ने इसे अंजाम दिलवाया है। लेकिन, चिंता की बात नहीं है, हमारे सीएम देवेंद्र फडणवीस और गृह मंत्री अमित शाह जानते हैं कि ऐसी स्थितियों से कैसे निपटना है। राजनीतिक लाभ के लिए ऐसी घटनाएं आजादी से पहले और बाद में भी होती रही हैं। एक आम मुसलमान व्यक्ति ऐसी गतिविधियों में शामिल नहीं होता।

क्या है पूरा मामला

मामला कुछ यूं है कि नागपुर के महल इलाके में अफवाह के बाद पथराव और आगजनी की घटना हुई। पुलिस पर भी हमला किया गया। बताया जा रहा है कि अफवाह के बाद दो गुट आमने-सामने आ गए थे और उसके बाद हालात तनावपूर्ण हुए। आग लगाए गए वाहनों में धमाकों की भी आवाज सुनी गई। इसके बाद यह हिंसा पूरे नागपुर में फैल गई। दावा किया जाता है कि इस हिंसा की साजिश पहले से ही रची गई थी। शाम के करीब साढ़े सात बजे चिटनिस पार्क इलाके में झड़प हुई। कट्टरपंथियों ने पुलिस की टीम पर पत्थरबाजी की। इसमें 6 लोग और तीन पुलिस अधिकारी बुरी तरह से घायल हो गए। इसके बाद कट्टरपंथियों की यह भीड़ कोतवाली और गणेशपेठ पहुंच गई। करीब 1000 से अधिक कट्टरपंथियों ने बड़े पैमाने पर पत्थरबाजी, तोड़फोड़ और आगजनी शुरू कर दी।

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नागपुर पुलिस कमिश्नर ने बताया कि कट्टरपंथियों के द्वारा की जा रही हिंसा रात के 8 से साढ़े 8 बजे के दौरान सबसे अधिक चरम पर थी। दंगाइयों ने हंसपुरी इलाके में दुकानों में घुसकर तोड़फोड़ की। दंगाइयों ने कई गाड़ियों में आग लगा दी। इसी तरह के हालात महल इलाके में भी रहे। यहीं नहीं दंगाइयों ने लोगों के घरों और अस्पतालों तक को नहीं छोड़ा। कई गाड़िया धू-धू कर जलती नजर आईं।

शहर के अधिकतर हिस्सों में लगा कर्फ्यू

इस बीच हालात को देखते पुलिस प्रशासन ने कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरानगर और कपिलनगर समेत कई अन्य पुलिस स्टेशनों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।

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