महाराष्ट्र

नागपुर हिंसा: औरंगजेब विवाद के बाद कट्टरपंथियों का दंगा, पत्थरबाजी, तोड़फोड़, आगजनी, घरों और अस्पतालों को भी नहीं छोड़ा

प्रशासन ने नागपुर में भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम (BNSS) की धारा 163 लागू कर दिया है।

Published by
Kuldeep singh

छावा फिल्म के बाद महाराष्ट्र में माहौल बदला है। लोगों की सही इतिहास पता चला तो एक मांग उठी कि संभाजी महाराज की हत्या करने वाले दुर्दांत मुगल आक्रांता औरंगजेब की कब्र को हटाया जाए। इसी को लेकर चल रहे विवाद के बीच सोमवार की रात नागपुर में मुस्लिम कट्टरपंथियों ने जमकर हिंसा फैलाई। 1000 से अधिक कट्टरपंथियों ने बड़े हैमाने पर पथराव, आगजनी, तोड़फोड़ की गई। प्रशासन ने पूरे नागपुर में भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम (BNSS) की धारा 163 लागू कर दिया है।

कब शुरू हुई हिंसा

रिपोर्ट के अनुसार, नागपुर में हिंसा अलग-अलग हिस्सों में फैल गई। दावा किया जाता है कि इस हिंसा की साजिश पहले से ही रची गई थी। शाम के करीब साढ़े सात बजे चिटनिस पार्क इलाके में झड़प हुई। कट्टरपंथियों ने पुलिस की टीम पर पत्थरबाजी की। इसमें 6 लोग और तीन पुलिस अधिकारी बुरी तरह से घायल हो गए। इसके बाद कट्टरपंथियों की यह भीड़ कोतवाली और गणेशपेठ पहुंच गई। करीब 1000 से अधिक कट्टरपंथियों ने बड़े पैमाने पर पत्थरबाजी, तोड़फोड़ और आगजनी शुरू कर दी।

नागपुर पुलिस कमिश्नर ने बताया कि कट्टरपंथियों के द्वारा की जा रही हिंसा रात के 8 से साढ़े 8 बजे के दौरान सबसे अधिक चरम पर थी। दंगाइयों ने हंसपुरी इलाके में दुकानों में घुसकर तोड़फोड़ की। दंगाइयों ने कई गाड़ियों में आग लगा दी। इसी तरह के हालात महल इलाके में भी रहे। यहीं नहीं दंगाइयों ने लोगों के घरों और अस्पतालों तक को नहीं छोड़ा। कई गाड़िया धू-धू कर जलती नजर आईं।

शहर के अधिकतर हिस्सों में लगा कर्फ्यू

इस बीच हालात को देखते पुलिस प्रशासन ने कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरानगर और कपिलनगर समेत कई अन्य पुलिस स्टेशनों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने की शांति की अपील

वहीं इस घटना पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा कि मैं खुद इस मामले पर नजर बनाए हूं। पुलिस कमिश्नर को ये निर्देश दिए हैं कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जिस भी कड़े कदम की जरूरत पड़े वो उठाएं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी शांति की अपील की है।

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