महाराष्ट्र। नागपुर के महल इलाके में अफवाह के बाद पथराव और आगजनी की घटना हुई। पुलिस पर भी हमला किया गया। बताया जा रहा है कि अफवाह के बाद दो गुट आमने-सामने आ गए थे और उसके बाद हालात तनावपूर्ण हुए। आग लगाए गए वाहनों में धमाकों की भी आवाज सुनी गई।
एएनआई न्यूज एजेंसी के मुताबिक हिंसा के दौरान एक JCB मशीन को भी आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस कर्मी और फायर ब्रिगेड के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। पुलिस ने महल में तलाशी अभियान चलाया। नागपुर पुलिस आयुक्त डॉ रविंदर सिंघल ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है। एक तस्वीर जलाई गई थी जिसके बाद लोग जमा हुए और उनके निवेदन पर हमने कार्रवाई भी की थी। लोगों का प्रतिनिधिमंडल मुझसे मिलने मेरे ऑफिस भी आया था। हमने FIR दर्ज की है। महल इलाके में उपद्रव की घटना देर शाम करीब 8:30 बजे की है। 2 वाहन जलाए गए हैं।
DCP नागपुर अर्चित चांडक ने बताया कि यह घटना कुछ गलतफहमी के कारण हुई। स्थिति अभी नियंत्रण में है। यहां हमारा बल मजबूत है। मैं सभी से अपील करता हूं कि वे बाहर न निकलें या पत्थरबाजी न करें। पत्थरबाजी हो रही थी, इसलिए हमने बल का प्रदर्शन किया और आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया। कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, पथराव के दौरान मेरे पैर में भी हल्की चोट आई। लेकिन हम सभी से शांति बनाए रखने का आग्रह करते हैं। अफवाहों पर भरोसा न करें। कानून व्यवस्था को न बिगाड़ें और पुलिस का सहयोग करें। हम कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं।
सीएम फडणवीस ने सहयोग की अपील की
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से भी शांति बनाए रखने की अपील की गई है। सीएम ऑफिस की ओर से बताया गया कि पथराव और तनावपूर्ण स्थिति के बाद पुलिस प्रशासन स्थिति को संभाल रहा है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपील की है कि नागरिक इस स्थिति में प्रशासन का पूरा सहयोग करें। हम लगातार पुलिस प्रशासन के संपर्क में हैं और नागरिकों को उनका सहयोग करना चाहिए। नागपुर एक शांतिपूर्ण और सहयोग करने वाला शहर है। यह नागपुर की स्थायी परंपरा रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपील की है कि किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें और प्रशासन को पूरा सहयोग दें।
अफवाहों के कारण फैला धार्मिक तनाव
केंद्रीय मंत्री और नागपुर से सांसद नितिन गडकरी ने कहा, “कुछ अफवाहों के कारण नागपुर में धार्मिक तनाव की स्थिति पैदा हुई है। नागपुर शहर का इतिहास ऐसे मामलों में शांति बनाए रखने का रहा है। मैं अपने सभी भाइयों से आग्रह करता हूं कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर विश्वास न करें और शांति बनाए रखें। सड़कों पर न निकलें। कानून व्यवस्था में सहयोग करें। शांति और सद्भाव की परंपरा को बनाए रखें जिसके लिए नागपुर जाना जाता है। मैं आप सभी को आश्वस्त करता हूं कि सरकार उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी जिन्होंने गलती की है या अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं। मुख्यमंत्री को पहले ही इस स्थिति के बारे में सूचित किया जा चुका है, इसलिए मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि अफवाहों पर ध्यान न दें। कृपया पुलिस प्रशासन का सहयोग करें, प्रेम बढ़ाएं और शहर में सकारात्मक माहौल बनाए रखें।
औरंगजेब के समर्थन में नारे लगाए
हिंदुस्थान समाचार की खबर के मुताबिक कुछ संगठनों ने सोमवार दोपहर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास औरंगजेब के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। औरंगजेब का पुतला दहन किया गया। छत्रपति संभाजी महाराज के हत्यारे औरंगजेब की कब्र महाराष्ट्र में नहीं होनी चाहिए तथा उसे तुरंत हटाया जाए, ऐसी मांग रखी। यह पूरा आयोजन शांतिपूर्ण तरीके से समपन्न हो गया। इसके कुछ देर बाद शाम करीब 7.30 बजे देवडिया भवन कांग्रेस कार्यालय की ओर से हुडदंगियों का एक समूह शिवाजी चौक के पास पहुंचा। इन हुडदंगियों ने औरंगजेब के समर्थन में नारे लगाने शुरू कर दिये। जैसे ही नारेबाजी शुरू हुई इलाके में मौजूद एक अन्य समूह ने भी जवाब में नारे लगाने शुरू कर दिए। इसी दौरान पथराव किया जाने लगा।
भालदारपुरा इलाके में पथराव
मामले की सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और नारे लगा रहे दोनों समूहों को अलग किया। इसके बाद पुलिस ने शिवाजी चौक से सभी को चिटनीस पार्क की ओर खदेड़ दिया, लेकिन चिटनीस पार्क से आगे भालदारपुरा इलाके से बड़ी संख्या में लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने बल प्रयोग करके स्थिति को नियंत्रण में लाने का प्रयास किया। हालांकि, जब पुलिस पर बड़े-बड़े पत्थर फेंके जा रहे थे तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागकर भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की। पथराव में कुछ वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए। वही शिवाजी चौक इलाके की गलियों मे स्थानीय लोगों के दुपहिया वाहन भी उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिए।
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