प्रतीकात्मक चित्र
समरसता के त्योहार होली के मौके पर माहौल बिगाड़ने के उद्देश्य से कुछ मुस्लिमों ने मेरठ के IIMT विश्वविद्यालय में नमाज पढ़ी। इसके विरोध के बाद अब पुलिस ने खालिद प्रधान उर्फ खालिद मेवाती नाम के छात्र को गिरफ्तार किया है। इस मामले में खालिद प्रधान के साथ ही विश्वविद्यालय के तीन अन्य सुरक्षाकर्मियों को भी सस्पेंड कर दिया गया है।
मामला कुछ यूं है कि होली के दिन नफरत फैलाने के उद्देश्य से IIMT यूनिवर्सिटी के कैंपस में सार्वजनिक स्थान पर कुछ मुस्लिमों ने नमाज अदा की। किसी ने इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसकी भनक लगते ही हिन्दू संगठनों ने भी विरोध जताया और पुलिस प्रशासन से इस हरकत के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
हिंदू संगठनों ने तुरंत इस घटना के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया और पुलिस प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की। संगठनों का दावा है कि विश्वविद्यालय के परिसर में इतने संवेदनशील समय पर सार्वजनिक रूप से नमाज पढ़ना धार्मिक भावनाओं को भड़काने का प्रयास था। इस बीच, विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए अपनी जांच शुरू की और प्रारंभिक तौर पर इसे सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करार दिया।
वीडियो को सत्यापित करने के बाद मेरठ पुलिस ने एक्शन लिया और खालिद को गिरफ्तार कर लिया। इस घटना पर सर्किल ऑफिसर सदर देहात शिव प्रताप सिंह ने रविवार को पीटीआई के हवाले से खालिद की गिरफ्तारी की पुष्टि की। इस घटना को लेकर गंगा नगर थाने के एसएचओ अनूप सिंह ने शनिवार को कहा कि मामले में शिकायत कार्तिक हिन्दू नाम के व्यक्ति ने की थी। इसी के आधार पर केस दर्ज किया गया है।
इस मामले की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 299 (धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से किए गए कृत्य) और आईटी एक्ट 2008 की धाराओं के अंतर्गत केस दर्ज किया है। स्थानीय हिन्दुओं का आरोप है कि जिस वक्त ये नमाज पढ़ी गई, उस दौरान वहां पर बहुत से लोग जमा थे। सरकार ने भी होली और रमजान को देखते हुए गाइडलाइंस जारी की थी। बावजूद इसके इसका उल्लंघन किया गया।
यह घटना न केवल धार्मिक संवेदनशीलता का मामला बन गई है, बल्कि इससे सामाजिक सौहार्द पर भी सवाल उठने लगे हैं।
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