वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर लगातार विपक्षी पार्टियां सियासत कर रही हैं। वे विशेष समुदाय के वोट को साधने के लिए वक्फ बोर्ड के मौजूदा कानून में सुधार नहीं होने देना चाहती हैं। इसी क्रम में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड (AIMPLB) द्वारा किए जा रहे विरोध पर जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कड़ा रुख अपना लिया है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम संगठन के इस रुख से विभाजन ही पैदा होगा और संसद में कानून बनाने के अधिकार को चुनौती मिलने की आशंका है।
AIMPLB को समिति के समक्ष बुलाया गया था
जेपीसी अध्यक्ष ने खुलासा किया कि AIMPLB को सुझाव देने के लिए समिति के समक्ष बुलाया गया था और उनकी सभी चिंताओं का निराकरण किया गया था। मुस्लिम संगठन की चिंताओं को हमने अपनी रिपोर्ट में भी शामिल किया था। फिर अब ये जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन क्यों? तमाम संशोधनों के बाद हम एक बेहतर कानून बनने जा रहा है। इससे गरीबों, महिलाओं, विधवाओं और बच्चों को भी प्रस्तावित वक्फ कानून का लाभ मिलेगा।
नफरत फैला रहा AIMPLB
इसके साथ ही जगदंबिका पाल ने ये आरोप लगाया कि सारी चीजों को जानने और समझने के बाद भी अगर AIMPLB प्रदर्शन कर रहा है तो ये देश को नफरत की आग में झोंकने और संसद के कानून बनाने के अधिकार को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा करके मुस्लिम संगठन लोगों को भ्रमित करके उनके बीच मतभेद पैदा करने की साजिश रच रहा है। उसका ये कदम बिल्कुल भी लोकतांत्रिक नहीं है।
आज AIMPLB करेगा जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन
गौरतलब है कि मुस्लिम संगठन AIMPLB प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के खिलाफ आज (सोमवार, 17 मार्च, 2025) दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने जा रहा है। संगठन के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए कहता है कि सरकार वक्फ संशोधन विधेयक के जरिए हिन्दू-मुसलमान को बांटने और देश में अशांति भड़काने की कोशिश कर रही है। संगठन के प्रवक्ता ने कहा कि हमने हमारा समर्थन करने वाले सभी दलों और समुदायों को इसमें शामिल होने के लिए बुलाया है।
उल्लेखनीय है कि देशभर में व्यापक पैमाने पर वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर विभिन्न मुस्लिम समुदायों और लोगों से चर्चा और सुझावों के बाद इसी साल जनवरी के आखिर में जेपीसी ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें बताया गया था कि देशभर से वक्फ बिल में कुल 572 संशोधन सुझाए गए थे। इसमें से 14 संशोधनों को जेपीसी ने मंजूर किया था। जेपीसी अध्यक्ष ने एक बयान में बताया था कि कुल 44 संशोधनों पर क्लॉज वाइज चर्चा हुई थी।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सिर्फ देश में नफरत फैलाने के लिए AIMPLB इस तरह के विरोध प्रदर्शन करने जा रहा है। आपकी क्या राय है? कमेंट करके बताएं।
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