नहीं रहे डॉ. शंकरराव तत्ववादी

संघ कार्य को आगे बढ़ाने वाले प्रो. शंकरराव तत्ववादी का 12 मार्च को नागपुर स्थित महाल संघ कार्यालय में निधन हो गया। उनकी इच्छानुसार इसी दिन उनकी मृत देह एम्स, नागपुर को सौंप दी गई

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Rajpal Singh Rawat

देश-विदेश में संघ कार्य को आगे बढ़ाने वाले प्रो. शंकरराव तत्ववादी का 12 मार्च को नागपुर स्थित महाल संघ कार्यालय में निधन हो गया। उनकी इच्छानुसार इसी दिन उनकी मृत देह एम्स, नागपुर को सौंप दी गई। वे कुछ महीनों से अस्वस्थ थे। 1933 में जन्मे प्रो. तत्ववादी नागपुर के ही रहने वाले थे और बाल्यकाल से स्वयंसेवक थे।

वे बड़े मेधावी छात्र थे। नागपुर विश्वविद्यालय से रसायनशास्त्र में एम.एससी. करने के बाद वे डॉक्टरेट की पढ़ाई के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय गए। इसके बाद उन्होंने 60 के दशक में विदेश में पढ़ाई की। फिर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में अध्यापन शुरू किया। उन्होेंने संयुक्त राज्य अमेरिका में हिंदू स्वयंसेवक संघ की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1989 में उन्हें यूके के लिए प्रचारक के रूप में नियुक्त किया गया, जहां वे 2011 तक रहे। 1993 में वे विश्व विभाग के संयोजक बने और 60 से अधिक देशों की यात्रा की। विश्व संघ शिक्षा वर्ग, विश्व संघ शिविर, यूके में हिंदू संगम, हिंदू मैराथन यूके आदि के आयोजन में उनकी बड़ी भूमिका रही।

2011 के बाद वे एक मार्गदर्शक के रूप में ज्ञान भारती से जुड़े। उन्होंने देश-विदेश में अनगिनत कार्यकर्ताओं को संघ कार्य से जोड़ा। वे किसी कार्यकर्ता के घर के हर व्यक्ति के बारे में जानकारी रखते थे और उनके नाम भी उन्हें ध्यान रहता था। उनकी इस स्मरण-शक्ति से हर कोई चकित रह जाता था। यात्रा विवरण, संस्कृत शब्द और उसका अर्थ, गीत की धुन, कार्यक्रमों का कालक्रम आदि पर उनकी बहुत गहरी नजर थी। वे संस्कृत और हिंदू धर्मग्रंथों के अच्छे जानकार थे। ऐसे वरिष्ठ प्रचारक के जाने से अनगिनत कार्यकर्ता दु:खी और शोक-संतप्त हैं। पाञ्चजन्य परिवार की ओर से उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि।

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