हामिद पटेल
ब्रिटेन में इन दिनों एक नियुक्ति को लेकर उबाल और बवाल दोनों ही है। सोशल मीडिया से लेकर आम जनों तक लोग इस नियुक्ति पर प्रश्न उठा रहे हैं? और पूछ रहे हैं कि क्या ब्रिटेन का इस्लामीकरण पूरा हो गया है? इंग्लैंड में शिक्षा में मूल्य और मानक बनाए रखने के लिए ऑफिस फॉर स्टैन्डर्ड इन एजुकेशन (OFSTED) है। जिसका अंतरिम अध्यक्ष “सर हामिद पटेल” को बनाया गया है। यूके की सरकार ने भी इस नियुक्ति की पुष्टि की है।
अब इस नियुक्ति को लेकर वहाँ पर सोशल मीडिया में उबाल है। लोग हैरान हैं, परेशान हैं कि आखिर क्यों? दरअसल लोगों को ऐसा लग रहा है कि पूरी तरह से इस्लामिक वेशभूषा वाला व्यक्ति, जिसने ब्रिटेन के मूल्यों को धारण नहीं किया है, वह कैसे ब्रिटेन के बच्चों की शिक्षा के मूल्यों का निर्धारण कर सकता है? कैसे वह अध्यक्षता कर सकता है?
इस संस्था के अध्यक्ष डैम क्रिस्टीन रयान ने इस्तीफा दे दिया है और उनके स्थान पर नई नियुक्ति होने तक हामिद पटेल को अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया है। हामिद का समर्थन करने वाले लोग तमाम अकादमिक रेकॉर्ड्स का हवाला दे रहे हैं। मगर लोगों को आपत्तियाँ हैं। क्योंकि हामिद पटेल का इतिहास मजहबी तालीम की तरफ ही रहा है। जीबी न्यूज़ के अनुसार पटेल स्टार एकेडमीज़ ट्रस्ट का चीफ इग्ज़ेक्यटिव है, जो लगभग 40 प्राइमरी और सेकंडरी स्कूल्स चलाता है और इसमें इस्लामिक स्कूल्स, ग्रामर स्कूल्स और एक ईसाई स्कूल भी शामिल है।
वह OFSTED के बोर्ड पर वर्ष 2019 से हैं। इससे पहले वह तौहीदुल इस्लाम गर्ल्स हाई स्कूल में हेड टीचर भी रह चुका है और जब ब्लैकपूल में वह इस स्कूल में प्रिंसिपल था, तब उसने लड़कियों से कहा था कि वे स्कूल से बाहर भी हिजाब पहनें, उन स्टेशनरी आइटम्स को न लाएं, जिनमें गैर-इस्लामिक छवियाँ हैं और साथ ही उसने सऊदी अरब के शेख अब्दुल रहमान को बुलाया था, जिसने यहूदियों को “सूअर” कहा था और अल्लाह से उनके खात्मे की दुआ की थी।
अब इन सब तथ्यों को लेकर लोग प्रश्न उठा रहे हैं कि आखिर ऐसा आदमी कैसे ब्रिटेन की शिक्षा को बरकरार रख पाएगा? एक पत्रकार ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि गणित और अंग्रेजी हम भूल जाएं, हम अब स्कूल्स में अल्लाह और हलाल के बारे में पढ़ेंगे
वहीं हामिद पटेल की नियुक्ति का विरोध करने वालों को नस्लवादी एवं घृणा फैलाने वाला कहा जा रहा है। एक यूजर नेमो सलूस ने लिखा कि मुझे नस्लवादी कहा जाएगा, मगर ब्रिटेन में रहने वाला कोई व्यक्ति जिसने अपना हुलिया ऐसा बना रखा है, जो यह बताता है कि उसका आपके कल्चर को अपनाने में कोई इन्टरेस्ट नहीं है और न ही उसका समर्थन करने में, तो ऐसे व्यक्ति को हमारे बच्चों की शिक्षा का प्रभारी नहीं बनाया जाना चाहिए
पाकिस्तानी मूल के ही ऐसे ब्रिटिश लेखक Momus Najmi, जो वोक कल्चर और इस्लामी कट्टरता के खिलाफ लिखते हैं, उन्होनें भी इस नियुक्ति को लेकर एक्स पर अपना असंतोष जाहिर किया। उन्होनें लिखा कि लेफ्ट अब हाथ से निकल गया है इसलिए उसकी बात नहीं करनी है। परंतु सेंटर राइट का यह कहना कि “इस्लाम समस्या नहीं है, इस्लामिस्ट हैं” समस्या को हल नहीं करेगा।
उन्होनें लिखा कि अगर आपको ब्रिटेन को बचाना है और इसके मूल कल्चर को बनाए रखना है तो हमें बहुत बड़े कदम उठाने होंगे और उन्होनें चेताते हुए लिखा कि “या तो सभी संस्थाओं से इस्लाम और उसके प्रभाव को हटाने के लिए प्रतिबद्ध हो जाइए, या फिर दावा की सॉफ्ट पावर या इस्लामवादियों के गृहयुद्ध के माध्यम से ब्रिटेन को इस्लामिक बना दिए जाने के लिए तैयार रहिए।“
बहरहाल इसे लेकर कई लोग आवाज उठा रहे हैं कि उन्हें मुफ्ती हामिद पटेल की इस नियुक्ति से चिंता है। इजरायल और यहूदियों के लिए आवाज उठाने वाले खालिद हसन ने भी लिखा कि उन्हें इस नियुक्ति को लेकर बहुत ही चिंता है क्योंकि हामिद पटेल के विचार कई मामलों पर कट्टर इस्लामिस्ट हैं और उनमें फ्री स्पीच जैसे मामले भी हैं।
उन्होनें लिखा कि इससे भी अधिक चिंता की बात यह है कि सर हामिद स्टार एकेडमीज ट्रस्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं, जो लगभग 36 स्कूलों का संचालन करता है, जिनमें से अधिकांश इस्लामी आस्था वाले स्कूल हैं, जहां हिजाब/सिर ढकने वाला कपड़ा युवा/किशोर लड़कियों की यूनिफॉर्म का हिस्सा है।
लोग कह रहे हैं कि क्या हामिद की नियुक्ति ब्रिटेन के धीमे इस्लामीकरण की शुरुआत है? लोग पूछ रहे हैं कि आखिर हामिद के विचार 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा किये गए हत्याकांड के विषय में क्या हैं?
मगर जहां एक ओर आम लोग इस नियुक्ति पर शोर मचा रहे हैं, वहीं इस निर्णय का समर्थन करने वाले यही कह रहे हैं कि हामिद पटेल का रिकार्ड शानदार रहा है और उसका ट्रस्ट कई स्कूल्स का संचालन करता है और उसका विरोध करने वाले केवल और केवल नस्लवादी हैं।
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