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देश की सबसे अमीर महिला बनीं रोशनी नादर, सावित्री जिंदल को पीछे छोड़ा, जानिये कितनी है संपत्ति

‘ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स’ के मुताबिक रोशनी नादर देश की सबसे अमीर महिला बन गई हैं। वह अब तीसरी सबसे अमीर भारतीय भी हैं दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी हैं आगे

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WEB DESK

हिसार। भारत के सबसे अमीर शख्सियतों की कैटेगरी में रोशनी नादर मल्होत्रा का नाम भी जुड़ गया है। वह देश की सबसे अमीर महिला बन गई हैं। उन्होंने हिसार से विधायक एवं बिजनेस वुमन सावित्री जिंदल को पीछे छोड़ दिया है। इतनी ही नहीं वह तीसरी सबसे अमीर भारतीय बनी हैं। हिंदुस्तान कंप्यूटर्स लिमिटेड (एचसीएल) ग्रुप के संस्थापक एवं उनके पिता शिव नादर ने कंपनी की 47 फीसदी हिस्सेदारी बेटी रोशनी ​को ट्रांसफर कर दी है, जिसके बाद वे देश की सबसे अमीर महिला की सूची में टॉप पर आ गई हैं।

‘ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स’ के मुताबिक रोशनी नादार की संपत्ति 3.13 लाख करोड़ रुपये हो गई है। वह अब तीसरी सबसे अमीर भारतीय बन गई हैं। उनसे ज्यादा संपत्ति सिर्फ दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी के पास है जबकि हिसार की विधायक सावित्री जिंदल के पास 2.63 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है। सावित्री जिंदल देश की पांचवीं सबसे अमीर शख्सियत हैं और दूसरी सबसे अमीर भारतीय महिला हैं। सावित्री जिंदल हिसार निवासी दिवंगत स्टील किंग ओपी जिंदल की पत्नी हैं और उनके बेटे नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद हैं।

छह महीने पहले फॉर्च्यून इंडिया ने सबसे अमीर लोगों की सूची जारी की थी। इस सूची के अनुसार 74 वर्षीय सावित्री देवी जिंदल करीब 2.77 लाख करोड़ रुपये की मालकिन थीं। अब ‘ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स’ ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें बताया गया है कि सावित्री जिंदल की संपत्ति 2.63 लाख करोड़ रुपये है। लगभग छह महीने पहले सावित्री जिंदल टॉप 10 भारतीयों में अकेली महिला थीं और चौथे स्थान पर थीं, लेकिन अब वे पांचवें स्थान पर आ गई हैं। अब टॉप 10 में रोशनी नादर भी आ गई हैं जिन्होंने उन्हें पीछे छोड़ दिया है।

सावित्री जिंदल ने पति की मौत के बाद 2005 में हिसार से उपचुनाव लड़ा और जीतकर राजनीति में एंट्री की। लगातार दो चुनाव जीतकर हरियाणा कैबिनेट में मंत्री बनी थीं। वर्ष 2014 में मोदी लहर में वह हिसार से चुनाव हार गईं। इसके बाद 2019 में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा। पिछले वर्ष 2024 में वह हिसार से भाजपा की टिकट की दावेदार थीं, मगर उनको टिकट नहीं मिला। सावित्री जिंदल निर्दलीय चुनाव में उतरीं और जीत हासिल की।

(इनपुट हिंदुस्थान समाचार)

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