यूके में हलाल और कबाब की दुकानों से चल रहा Visa का 'खेल' ? बड़ा खुलासा
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यूके में हलाल कसाइयों और कबाब की दुकानों से चल रहा Visa का ‘खेल’ ? हैरान करने वाला खुलासा

हलाल कसाइयों और कबाब की दुकानों से स्किल्ड वर्कर वीसा (Visa) स्पॉन्सर किये जा रहे हैं। एक कसाई ने तो अकेले ही 918 वीसा स्पॉन्सर किए

by सोनाली मिश्रा
Mar 14, 2025, 07:16 pm IST
in विश्व
यूके में हलाल कसाइयों और कबाब की दुकानों से चल रहा Visa का 'खेल' ? हैरान करने वाला खुलासा

यूके में हलाल कसाइयों और कबाब की दुकानों से चल रहा Visa का 'खेल' ? हैरान करने वाला खुलासा

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यूके (United Kingdom) से एक और हैरान करने वाला समाचार आ रहा है। हलाल कसाइयों और कबाब की दुकानों से स्किल्ड वर्कर वीसा (Visa) स्पॉन्सर किये जा रहे हैं। एक कसाई ने तो अकेले ही 918 वीसा स्पॉन्सर किए। यह हैरान करने वाला खुलासा जीबी न्यूज़ ने अपनी एक डॉक्युमेंट्री में किया है। जीबी न्यूज़ के अनुसार उन्होंने यह जानने का प्रयास किया कि कैसे अप्रावसन ने पूरे ब्रिटेन को और ब्रैडफॉर्ड शहर के चेहरे को बदल कर रख दिया है।

इस डॉक्युमेंट्री में फ़्रीडम ऑफ इनफार्मेशन रीक्वेस्ट से आंकड़ों को बताया गया है, जिसे सेंटर फॉर माइग्रेशन कंट्रोल द्वारा प्रस्तुत किया गया है। इसमें ऐसे कई उदाहरण मिले जिनमें यह पता चला कि कैसे कुछ हलाल कसाई और कबाब की दुकानें वर्ष 2021 और 2023 के बीच स्किल्ड वर्कर वीसा को स्पॉन्सर कर चुकी हैं।

https://twitter.com/GBNEWS/status/1899759046917312921?

लेखक और शिक्षाविद मैथ्यू गुडविन ने जीबी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि ब्रिटेन इस समय “जनसंख्या जाल” में हैं। इसका अर्थ यह है कि जनसंख्या इतनी तेजी से बढ़ रही है कि यह राज्य द्वारा सार्वजनिक सेवाओं को प्रदान करने की क्षमता से कहीं अधिक हो जाएगी। जीबी न्यूज़ ने ब्रैडफॉर्ड के कुछ लोगों से बात की कि वे अप्रवासियों के विषय में क्या सोचते हैं। पाकिस्तान से वर्ष 1994 में वैध तरीके से ब्रिटेन आए हुए एक नागरिक ने कहा कि उसे यह नहीं पता था कि कबाब की दुकान में काम करना एक स्किल्ड वर्कर का काम हो सकता है?

वहीं एक स्थानीय नागरिक को इस बात पर विश्वास ही नहीं हुआ कि कबाब की दुकान में काम करने वालों को स्किल्ड वीसा दिए जा रहे हैं। सरकार की वेबसाइट के अनुसार कसाई और शेफ दोनों ही पेशे एक स्किल्ड वर्कर का वीसा लेने के लिए इस्तेमाल किये जा सकते हैं। सेंटर फॉर माइग्रेशन कंट्रोल के शोध निदेशक रॉबर्ट बेट्स ने जीबी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि सरकार के गृह विभाग ने दुकानदारों को वीसा मिल की तरह काम करने की आजादी दे दी है अब वे ब्रिटेन के नागरिकों की जगह यूरोप के बाहर से कल कुशल व्यक्ति ला रहे हैं।

उन्होंने साफ कहा कि विदेशी शेफ, कसाई या कॉल सेंटर कर्मचारियों को आयात करने का हमारे पास कोई आर्थिक कारण नहीं है, और ऐसा करने से सरकार की सामाजिक लागत बहुत बढ़ती है। उन्होंने इसे एक संगठित रैकेट बताते हुए कहा कि अपने दोस्त के व्यवसाय में पांच साल काम करने के बाद ये व्यक्ति लाभ के लिए योग्य हो जाते हैं और नागरिकता के लिए फास्ट-ट्रैक पर डाल दिए जाते हैं। पूरी प्रक्रिया एक रैकेट बन गई है।

इसी विषय पर रीफ़ॉर्म पार्टी के पूर्व नेता बेन हबीब ने कहा कि बड़े स्तर पर अप्रवासन और विविधता की जिद्द में हमने हलाल को “कौशल” के रूप में बदल दिया है और विदेशी कसाइयों के बढ़ते आयात के कारण पशुओं को क्रूरता से मारा जा रहा है।

माइग्रेन्ट वाच यूके, जो एक थिंक टैंक है और जो लगातार कम अप्रवासन की बात करता है, उसके एक प्रवक्ता ने जीबी न्यूज़ को बताया कि जब सरकार ने पहली बार स्किल्ड वर्कर वीसा की शुरुआत की थी, तो इसका उद्देश्य डॉक्टरों, इंजीनियरों और उच्च-स्तरीय विशेषज्ञों को लाना था। इसके बजाय, हम फास्ट-फूड आउटलेट और कसाईखानों को दर्जनों वीजा प्रायोजित करते हुए देख रहे हैं। यह व्यवस्था का दुरुपयोग है।

इस रिपोर्ट को लेकर लोग सोशल मीडिया पर इस बात पर हैरानी व्यक्त कर रहे हैं कि कैसे टेकअवे स्टाफ जैसे कामों के लिए भी स्किल्ड वर्कर वीसा जारी किये जा सकते हैं। वहीं कुछ लोग कबाब की दुकानों को मनी लॉन्ड्रिंग की नई योजना बता रहे हैं। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि हलाल को प्रतिबंधित किया जाए। लोग इस बात पर विश्वास करने को तैयार नहीं हैं कि कैसे 56 कबाब हाउस, 83 दुकानें, जिनके नाम में हलाल है और एक कसाई अकेला 918 वीसा स्पॉन्सर कर सकता है? सोशल मीडिया पर कुछ लोग इसे माइग्रेशन घोटाला भी कह रहे हैं।

 

Topics: स्किल्ड वर्कर वीसाकसाईकबाबस्पॉन्सरब्रैडफॉर्ड शहरयूके (United Kingdom)यूकेवीसाहलालवीजा
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