प्रतीकात्मक तस्वीर
पाकिस्तान के क्वेटा से पेशावर के बीच चलने वाली जाफर एक्सप्रेस का 11 मार्च को अपहरण कर लिया जाता है। ये अपहरण बलूचिस्तान की आजादी के लिए संघर्ष कर बलोच बलों ने किया। ट्रेन में 500 लोगों के अलावा सेना और पुलिस के जवान भी थे। पाकिस्तानी सेना ने हाईजैक की गई ट्रेन को वापस छुड़ाने के लिए ऑपरेशन शुरू किया। इस ऑपरेशन के दौरान बलोच बलों ने दावा किया है कि उन्होंने 50 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों को ढेर कर दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, क्वेटा से पेशावर के अपने सफर के दौरान जाफर एक्सप्रेस जैसे ही बोलन जिले के मशकाफ इलाके में पहुंचती है तो वहां एक सुरंग पड़ती है। टनल नंबर 8, इस टनल के अंदर जैसे ही ट्रेन प्रवेश करती है तो बलोच बलों की फतेह स्क्वाड, मजीद ब्रिगेड और उसके दूसरे स्क्वाड ने अपने अभियान को अंजाम देते हुए सबसे पहले ट्रेन के ट्रैक को विस्फोट करके उड़ा दिया।
इसके बाद बलोच बलों ने लोगों के पहचान पत्र की जांच की। इसमें से सिविलियन को अलग कर दिया गया और पुलिस व सेना से जुड़े लोगों को अलग कर लिया। इसके बाद बीएलए ने आम नागरिकों को रिहा करने का ऐलान कर दिया। हालांकि, पुलिस और सेना के जवानों को उन्होंने बंधक बना लिया।
उधर जैसे ही इस हाईजैक की खबर सरकार को लगी तो उसके होश ही फाख्ता हो गए। तुरंत आईएसआई ने एक हाई लेवल मीटिंग की। इसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। 12 मार्च को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी एक झूठा दावा करती है कि उसने बंधकों को छुड़ा लिया है। उसने दावा किया कि इस अभियान में उसने 33 विद्रोहियों को खत्म कर दिया है। 21 नागरिक और 4 ,सेना के जवान मारे गए हैं।
लेकिन, पाकिस्तान का ये झूठ अधिक देर तक टिक नहीं सका। बलोच बलों की ओर से एक संदेश जारी किया गया। इसमें बलोच बलों ने दावा किया कि अब तक उन्होंने 50 से अधिक पाकिस्तानी सेना के जवानों को ढेर कर दिया है। इसके अलावा अभी भी मुठभेड़ चल रही है। 150 से अधिक पाकिस्तानी सेना के जवान अभी भी हमारे कब्जे में हैं। एक वीडियो जारी कर बताया गया है कि ट्रेन के अंदर 70-8द शव पड़े हुए हैं।
इस बीच सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि सेना की ओर से 200 से अधिक खाली ताबूत क्वेटा रेलवे स्टेशन पर पहुंचाए गए हैं। लोगों का कहना है कि 27 घंटे बीतने के बाद भी पाकिस्तान की सेना और सरकार असफल और असहाय है।
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