बिना काम किए प्रचार के लिए ‘उतावली’ की आदत डाले आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार इस काम में इस कदर ‘बावली’ हो गई है कि अब परीक्षाओं में बच्चों से पूछ रही है अपनी पार्टी का इतिहास। केंद्र में सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाने वाला इंडी गठजोड़ जिस-जिस राज्य में सत्ता में है वहां सरकारी तंत्र का किस तरह दुरुपयोग कर रहा है उसका ताजा उदाहरण है यह घटना।
12वीं बोर्ड का है मामला
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से 12वीं की बोर्ड परीक्षा के दौरान राजनीति शास्त्र के पेपर में आम आदमी पार्टी को लेकर पूछे गए सवालों पर बवाल हो गया है। लोग इसकी निंदा कर रहे हैं। पंजाब भाजपा ने भी इसकी निंदा करते हुए कहा है कि आम आदमी पार्टी की सरकार शिक्षा विभाग का दुरुपयोग कर रही है। बीजेपी ने कहा कि 18 या इससे अधिक उम्र के युवाओं की सोच को आम आदमी पार्टी के पक्ष में प्रभावित करने के प्रयास कर रही है। भाजपा के पंजाब इकाई के मीडिया प्रमुख विनीत जोशी ने कहा कि दिल्ली चुनाव में हार से बौखलाई आप शिक्षा विभाग के माध्यम से युवा वोटरों की सोच को अपने पक्ष में प्रभावित करने का प्रयास कर रही है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रीतपाल बलियावाल व चेतन जोशी के साथ पत्रकारों से बातचीत करते हुए विनीत जोशी ने कहा कि 4 मार्च को पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में राजनीति शास्त्र के पेपर में पहले भाग में सवाल है कि आम आदमी पार्टी की स्थापना कब हुई? इसी तरह पेपर के अन्य भाग में सवाल पूछा गया है-आम आदमी पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों का वर्णन करें?
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उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि आम आदमी पार्टी क्या देश की ऐसी विशिष्ट राजनीतिक पार्टी है जिसके सवाल बच्चों को जानने चाहिए? पंजाब में देश की सबसे पुरानी क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल जैसी पार्टी मौजूद है। उन्होंने कहा कि देश पर सबसे लंबे समय तक राज करने वाली कांग्रेस भी है और पिछले 11 सालों से केंद्र में और सबसे ज्यादा राज्यों में सरकारें चलाने वाली देश की सबसे बड़ी भारतीय जनता पार्टी भी है। अन्य किसी पार्टी के बारे में किसी भी तरह का सवाल नहीं पूछा गया।
उन्होंने कहा कि हम आम आदमी पार्टी के पंजाब के शिक्षा तंत्र में राजनीतिक हस्तक्षेप की निंदा करते हैं। दूसरी ओर शिक्षाशास्त्रियों का कहना है कि पाठ्यक्रम से बाहर इस तरह के प्रश्न पूछे जाना वैसे भी नियमों के विपरीत है। सरकार को इस ओर सख्त कदम उठाने चाहिएं और प्रश्नपत्र सेट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
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