बांग्लादेश से घुसपैठियों के भारत में अवैध तरीके से घुसने का मामला है कि थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। एक तरफ जहां भारत सरकार लगातार अवैध बांग्लादेशियों को देश से बाहर करने का काम कर रही है तो वहीं दूसरी ओर ये घुसपैठिए भी लगातार देश में घुसने की फिराक में रहते हैं। ताजा मामला पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा से सामने आया है, जहां 4 दिन के अंदर ही बीएसएफ ने 29 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है, जो भारत की सीमा में घुसपैठ कर रहे थे।
पकड़ा गया भारतीय दलाल
6 मार्च से 10 मार्च के बीच की गई कार्रवाई में त्रिपुरा फ्रंटियर के बीएसएफ जवानों ने अलग-अलग मोर्चों से 29 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा है। इसके साथ ही भारत में इन घुसपैठियों के मददगार भारतीय दलाल और सात अन्य भारतीय नागरिकों को भी पकड़ा गया है।
ये सभी घुसपैठिए जिला उत्तर त्रिपुरा के अंतर्गत रेलवे स्टेशन चुराईबारी और धर्मनगर, पुलिस स्टेशन एयरपोर्ट के अंतर्गत लंकामुरा,जिला पश्चिम त्रिपुरा के अंतर्गत रेलवे स्टेशन अगरतला, पुलिस स्टेशन आमटली के अंतर्गत निश्चिंतपुर,जिला दक्षिण त्रिपुरा के अंतर्गत पुलिस स्टेशन सबरूम के अंतर्गत सबरूम, पुलिस स्टेशन मोहनपुर के अंतर्गत हरनाखोला और त्रिपुरा के जिला गोमती के अंतर्गत एलके पारा इलाके से पकड़े गए हैं।
तस्करी के कई प्रयासों को किया असफल
एक प्रेस विज्ञप्ति के जरिए बीएसएफ ने बताया कि इसी दौरान उन्होंने तस्करी के कई प्रयासों को भी असफल किया है। मार्च 2025 के पहले ही सप्ताह में बीएसएफ बटालियनों ने स्थानीय लोगों की चिंताओं को देखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों से जुड़े गावों में 9 समन्वय बैठकें भी की हैं। इस दरमियां जवानों ने 2.88 करोड़ रुपए के नशीले पदार्थ, पशु, चावल के साथ ही प्रतिबंधित सामानों की बड़ी खेप को भी जब्त किया है। इसमें 280.67 किलो गांजा भी शामिल है।
इसके अलावा बीएसएफ लगातार अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तस्करी समेत दूसरे अपराधों को रोकने के लिए अब तक 61 समन्वित गश्ती कर चुकी है। इस दौरान बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड के साथ भी सीमा समन्वय बैठकें की हैं।
क्या कहती है यह कार्रवाई?
यह ऑपरेशन न केवल बीएसएफ की सतर्कता को दर्शाता है, बल्कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर बढ़ती चुनौतियों की ओर भी इशारा करता है। सवाल यह है कि क्या सीमा सुरक्षा को और सख्त करने की जरूरत है? आपकी राय क्या है? कमेंट में बताएँ!
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