देहरादून । भाजपा ने कर्नाटक में मुस्लिमों को विकास कार्यों में दिए आरक्षण को कांग्रेसी विभाजनकारी एजेंडा बताया है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इसे कांग्रेस का वह असली तुष्टिकरणकारी चेहरा बताया है, जिसे देवभूमि की जनता पहले भी उनकी सरकारों में देख चुकी है। और ऐसे पापों की सजा देश प्रदेश की जनता उन्हें चुनाव दर चुनाव दे रही है।
श्री भट्ट ने मीडिया से बातचीत में हैरानी जताई कि कैसे कोई सरकार धर्म के आधार पर विकास कार्यों से जुड़े कामों बांट सकती है। कांग्रेस की मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सरकार अब नौकरियों के बाद वहां एक करोड़ तक के कामकाजी टेंडरों में 4 फीसदी हिस्सा मुस्लिमों को देने जा रही है। उसमें बेहद अफसोस है कि इसका सदन में पेश राज्य के आम बजट में वादा किया गया है। उनकी यह विभाजनकारी नीति तुष्टिकरण के सिद्धांत का हिस्सा है, जिससे वह अपने मुस्लिम वोट बैंक को खुश करना चाहती है। इससे पहले भी उनकी कई ऐसी असंवैधानिक कोशिशों पर न्यायालय रोक लगा चुका है।
उन्होंने कहा कि देवभूमि की जनता कांग्रेस की ऐसी तुष्टिकरण नीति से पहले ही वाकिफ है। क्योंकि पूर्ववर्ती राज्य की कांग्रेस सरकारें नमाज के लिए छुट्टी का ऐलान , चुनाव जीतने किए उनके पूर्व सीएम बंद कमरों में मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने का वादा भी किया और कांग्रेस लड़ाई अब भी दंगाइयों और गौहत्यारों का समर्थन करती है। इसलिए देवभूमि की जनता कांग्रेस पार्टी और उनके नेताओं पर बिलकुल भी भरोसा नहीं करती है। लगातार एक के बाद एक चुनावों में उन्हें मिलने वाली हार इसकी तस्दीक करता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकारों के ऐसे सभी निर्णयों को उनके आलाकमान की शह है। लगातार हार के बाद, देश भर में अपने सहयोगी दलों की झोली में खिसकते जा रहे अपने मुस्लिम वोट बैंक को रोके रखने का यह प्रयास है। लेकिन वोटों के लिए देश विभाजन की ऐसी नीतियों का जनता, कांग्रेस पार्टी को करारा ज़बाब देगी।
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