सीरिया में एक नए गृहयुद्ध की सुगबुगाहट क्यों ?
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सीरिया में चल रहा संघर्ष: गृहयुद्ध की नई लहर, दो दिन में 1000 से अधिक लोगों की मौत

सीरियन ऑब्जरवेटरी की रिपोर्ट के अनुसार, मरने वालों में 745 नागरिक तो ऐसे हैं, जिन्हें प्वाइंट ब्लैंक रेंज से गोली मारी गई है। मारे गए लोगों में 125 सरकारी बल और 148 पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद के सशस्त्र समर्थक हैं।

by Kuldeep Singh
Mar 9, 2025, 11:42 am IST
in विश्व
Syrian crisis

प्रतीकात्मक तस्वीर

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नई दिल्ली, 9 मार्च। दिसंबर 2024 में बशर अल-असद के शासन के पतन के बाद, विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) ने दमिश्क पर कब्जा कर लिया था। नई सरकार बनी। उम्मीद थी कि 14 साल से गृहयुद्ध की विभीषिका झेल रहे सीरियाई नागरिकों को उम्मीद थी कि अब शांति आएगी, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं। दो दिन के अंदर ही वहां 1000 से अधिक मौतें हो चुकी हैं।

प्वाइंट ब्लैंक से मारी गोली

सीरियन ऑब्जरवेटरी की रिपोर्ट के अनुसार, मरने वालों में 745 नागरिक तो ऐसे हैं, जिन्हें प्वाइंट ब्लैंक रेंज से गोली मारी गई है। मारे गए लोगों में 125 सरकारी बल और 148 पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद के सशस्त्र समर्थक हैं। यहीं नहीं लताकिया शहर, जहां पर असद के समर्थकों की बहुलता का दावा किया जाता है, वहां सरकार लोगों ने बिजली-पानी सब बंद कर दिया है। इसका असर ये हो रहा है कि लोग बूंद-बूंद पानी के लिए भी तरस रहे हैं।

सरकार का दावा असद समर्थकों पर कर रहे कार्रवाई

हयात तहरीर अल शाम सरकार इन हत्याओं पर स्पष्टीकरण देती है कि सत्ता जाने के बाद बशर अल असद बौखलाए हुए हैं और उनके समर्थक लगातार हमले कर रहे हैं और सरकार उन्हीं के खिलाफ एक्शन ले रही है। सीरिया में मुस्लिमों की नई सरकार सुन्नी मुस्लिमों की है। इसके लड़ाकों ने बीते शुक्रवार को असद समर्थक अलावी समुदाय के मुस्लिमों के खिलाफ हत्याएं शुरू की थीं। इसके बाद दूसरे पक्ष ने भी पलटवार किया और एक नया गृहयुद्ध शुरू हो गया है।

लेकिन, इसे सीरिया की नई सरकार हयात अल तहरीर के लिए भी झटका माना जा रहा है, क्योंकि इसी समुदाय ने बशर अल असद को सत्ता से उखाड़ फेंकने में अहम भूमिका अदा की थी। फिलहाल दोनों तरफ से लोगों के मारे जाने की संख्या लगभग बराबर ही है। लेकिन इस खूनी खेल में अगर कोई सबसे अधिक प्रभावित हो रहा है तो वो है आम नागरिक। सीरिया के तटीय प्रांत लातकिया और जबलेह जैसे क्षेत्रों में फैल गई है, जहां असद समर्थकों का प्रभाव मजबूत रहा है। नई सरकार ने देश को एकजुट करने का वादा किया था, लेकिन यह ताजा संघर्ष स्थिरता की उम्मीदों पर सवाल उठा रहा है।

रूस और ईरान जैसे असद के पुराने सहयोगी अब कमजोर पड़ चुके हैं, वहीं तुर्की और अन्य क्षेत्रीय शक्तियां अपने हितों के लिए सक्रिय हैं। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि यह संकट और गहरा सकता है, जिससे मानवीय स्थिति बदतर होगी।

सीरियन ऑब्जरवेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स की रिपोर्ट्स की मानें तो जब बशर अल असद सीरिया के तानाशाह थे तो जेलों में बंद करक एक लाख से अधिक लोगों की हत्याएं की गई थीं। केवल सैदनाया जेल में ही 30,000 से अधिक लोगों की मौतें हुई थीं। बता दें कि सीरिया में वर्ष 2011 से गृह युद्ध चल रहा है।

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