वाराणसी स्थित विश्व प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास और श्री कृष्ण जन्मस्थान मथुरा के साथ एक नवीन सनातन नवाचार की शुरुआत हुई। इस नवोन्मेष के तहत होली के त्योहार के अवसर पर रंगभरी एकादशी से पहले, श्री काशी विश्वनाथ धाम से भगवान विश्वनाथ द्वारा श्री कृष्ण जन्मस्थान मथुरा में राधा गोपाल को सामग्री वाहनों के माध्यम से आमंत्रित किया गया था। इसी प्रकार श्री कृष्ण जन्मस्थान मथुरा से भगवान लोध गोपाल द्वारा श्री काशी विश्वनाथ जी को भी आमंत्रित किया गया है।
इस संबंध में श्री काशी विश्वनाथ महादेव की प्रेरणा से उत्पन्न इस नवप्रवर्तन के सहयोगी मंदिर न्यास के मुख्य धार्मिक अधिकारी श्री विश्व ग्रीन ने श्री कृष्ण जन्मस्थान मथुरा के सचिव श्री कपिल शर्मा और गोपेश्वर चतुर्वेदी जी से बातचीत की थी, जिसका श्री कृष्ण जन्मस्थान के अधिकारियों ने भी सहर्ष स्वागत किया था।
इसी क्रम में, आज दिनांक 08 मार्च 2025 को विधि विधान में बताया गया है कि पूरे साज-सज्जा और कलश स्थापना के बाद पूरे साज-सज्जा और उत्सव के मुख्य अवशेष अधिकारी- श्री विश्व भूषण, अपर मुख्य खंड अधिकारी- श्री निखिलेश कुमार मिश्र, उप न्यायाधीश- श्री शंभू शरण, विशेष कार्य अधिकारी- श्री विनीत कुमार सिंह, सचिव- श्री मिनी एल शेखर और अनुयायियों की भगवान श्री लोध गोपाल होली होली के शुभ अवसर पर सामग्री अधिकारी की रिपोर्ट। इसी प्रकार मथुरा में श्री कृष्ण जन्मस्थान से आज ही श्री विश्वेश्वर महादेव को उपहार भी दिए गए हैं।
मथुरा और काशी दोनों ही मोक्षदायिनी नगरी है और इन दोनों तीर्थस्थलों के बीच सहयोग और श्रद्धा का गठबंधन-समर्थक एक अभिनव पहल है, जो इस साल के रंगभरी क्रिसमस और होली महोत्सव में शामिल होंगे। ज्ञातव्य है कि पौराणिक कथाओं के अनुसार रंगभरी एकादशी की कथा भगवान श्री कृष्ण ने राधा रानी को बताई थी, और तभी से यह त्योहार मनाया जाता है। काशी विश्वनाथ धाम में भी रंगभरी एकादशी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है, जिसका न केवल स्थानीय महत्व है, बल्कि इसका वैश्विक महत्व भी है।
इस उपहार में शामिल-सहायक के साथ, दोनों धामों के भक्तों को विशेष रूप से भगवान लोधी गोपाल के रूप में बाल स्वरूप के भगवान और बाबा विश्वनाथ से आशीर्वाद प्राप्त होगा। इस अवसर पर, दोनों पवित्र स्थानों से उपहार माँगे गए समय और एकता द्वारा प्राप्त उपहारों को स्वीकार करते हुए निंदा उत्सव भी आयोजित किया जाएगा। श्री काशी विश्वनाथ धाम में श्री कृष्ण जन्मस्थान से प्राप्त सामग्री सामग्री को दिनांक 9 मार्च 2025 को प्रातः 6.30 बजे स्वीकार कर भगवान विश्वनाथ से अवलोकित वनस्पति को ग्रहण करें। उपहार में प्राप्त भोजन प्रसाद सामग्री का वितरण दोनों धामों में किया जाएगा।
श्री कृष्ण जन्मस्थान मथुरा से प्राप्त रंग अबीर गुलाल का प्रयोग रंगभरी एकादशी और होली के पर्व पर भगवान विश्वनाथ को निर्वस्त्र करने में किया जाएगा। इसी प्रकार श्री काशी विश्वनाथ धाम से श्री कृष्ण जन्मस्थान मथुरा में शामिल सामग्री का प्रयोग रंगभरी एकादशी एवं होली पर्व पर भगवान लोधी गोपाल की होली में किया जाएगा। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास एवं श्री कृष्ण जन्मस्थान समस्त सनातन के सर्वोन्नति की कामना करते हैं। *IIश्री काशीविश्वनाथो विजयतेतरामII ।।जय जय श्री कृष्ण।।*
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