मध्य प्रदेश

धर्म बदलवाया तो होगी फांसी : CM मोहन यादव ने किया कन्वर्जन और दुराचार के अपराध पर बड़ा ऐलान

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मतांतरण कराने वालों के लिए फांसी की सजा का ऐलान किया। धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में बदलाव की तैयारी। जानें पूरी खबर...

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SHIVAM DIXIT

भोपाल । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को एक सख्त और चौंकाने वाला ऐलान किया। उन्होंने कहा कि राज्य में मतांतरण (धार्मिक कन्वर्जन) कराने वालों के खिलाफ कड़ा कदम उठाया जाएगा और इसके लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया जाएगा। यह घोषणा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान की गई। सीएम ने इस कदम को समाज में कुरीतियों को खत्म करने और बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा संकल्प बताया।

“मतांतरण और दुराचार बर्दाश्त नहीं” : सीएम यादव

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत हम यह प्रावधान कर रहे हैं कि जो लोग मतांतरण करवाएंगे, उनके लिए हमारी सरकार फांसी की सजा का प्रबंध करेगी। मतांतरण और दुराचार जैसी किसी भी व्यवस्था के खिलाफ हमारा संकल्प है कि समाज में ऐसी कुरीतियों को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा।” उन्होंने आगे जोड़ा, “मासूम बेटियों के साथ दुराचार करने वालों के खिलाफ सरकार बहुत सख्त है। इसके लिए पहले से ही फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है, और अब मतांतरण के मामलों में भी यही सजा लागू होगी।”

“दुराचारियों को जीने का हक नहीं”

सीएम मोहन यादव ने अपने बयान में साफ किया कि उनकी सरकार जोर-जबरदस्ती या बहला-फुसलाकर दुराचार और मतांतरण करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शने के मूड में नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ऐसे लोगों को छोड़ने वाली नहीं है। हम किसी भी हालत में इन्हें जिंदगी जीने का अधिकार नहीं देना चाहते।” सीएम का यह बयान उनकी सरकार की अपराध और अवैध गतिविधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है।

महिला दिवस पर सख्त संदेश

यह ऐलान अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में किया गया, जहां सीएम ने महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बेटियों के साथ होने वाले अत्याचार और मतांतरण जैसे मामले समाज के लिए कलंक हैं, और इनसे निपटने के लिए कठोर कानूनी कदम उठाना जरूरी है। इस मौके पर उन्होंने ‘लाडली बहना योजना’ के तहत 1.27 करोड़ से अधिक लाभार्थियों के खातों में 1,552.73 करोड़ रुपये और गैस सिलेंडर रिफिल योजना के तहत 26 लाख लाभार्थियों को 55.95 करोड़ रुपये की राशि भी ट्रांसफर की।

मौजूदा कानून और नया प्रावधान

मध्य प्रदेश में पहले से ही ‘धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 2021’ लागू है, जो गलत तरीके से मतांतरण को रोकता है। इस कानून के तहत धोखाधड़ी, जबरदस्ती, प्रलोभन या दबाव के जरिए धार्मिक पहचान बदलवाने  वालों को सजा और जुर्माने का प्रावधान है। अब सीएम के नए ऐलान के बाद इस कानून में संशोधन कर फांसी की सजा को शामिल करने की तैयारी है, जो इसे और सख्त बनाएगा।

मोहन यादव का यह बयान न सिर्फ मध्य प्रदेश बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। यह देखना बाकी है कि यह प्रस्तावित कानून कब और कैसे लागू होगा। अगर यह कानून बनता है, तो मध्य प्रदेश मतांतरण के खिलाफ सबसे सख्त सजा देने वाला राज्य बन सकता है। इस कदम से जहां सरकार समर्थकों में उत्साह है, वहीं आलोचकों के बीच बहस तेज हो गई है।

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