हरिद्वार । विश्व हिन्दू परिषद के युवा संगठन बजरंग दल ने हरिद्वार की पवित्र तीर्थनगरी में एक घटना को लेकर अपना आक्रोश जाहिर किया है। बीते दिन, 7 मार्च 2025 को शाम करीब 6:30 बजे, ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज के परिसर में मुस्लिम मतावलंबियों द्वारा बिना अनुमति मांस युक्त रोजा इफ्तारी का आयोजन किया गया। इस घटना को बजरंग दल ने हरिद्वार के बायलॉज का खुला उल्लंघन करार देते हुए इसके खिलाफ विशाल धरना-प्रदर्शन किया और पुलिस प्रशासन से कठोर कानूनी कार्रवाई की मांग की।
क्या है पूरा मामला..?
बजरंग दल के जिला संयोजक अमित मुल्तानिया ने बताया कि इस आयोजन में न केवल हरिद्वार की संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन हुआ, बल्कि हिन्दू युवक-युवतियों को भी आमंत्रित किया गया। उन्होंने कहा, “हरिद्वार की पवित्रता और मान्यताएं 1916 में ब्रिटिश शासनकाल में पंडित मदन मोहन मालवीय और ब्रिटिश सरकार के बीच हुए करार से तय की गई थीं। हरिद्वार नगर पालिका के बायलॉज में ये नियम आज भी प्रभावी हैं, जिसमें गैर-हिन्दुओं के लिए कनखल और मायापुर क्षेत्र में रात्रि प्रवास तक की अनुमति नहीं है।” फिर भी, इस आयोजन ने सनातन नगरी की गरिमा को ठेस पहुंचाई।
बजरंग दल का आरोप : सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश
बजरंग दल के प्रांत बालोपासना प्रमुख सौरभ चौहान ने इसे कट्टरपंथी ताकतों की सुनियोजित साजिश करार दिया। उन्होंने कहा, “हर की पौड़ी के पास इस तरह का आयोजन हिंदुओं को अपमानित करने, उन्हें भयभीत करने और सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट करने की नीयत से किया गया। यह होली के पर्व पर दंगा भड़काने का प्रयास भी हो सकता है।” उनका मानना है कि यह घटना भारतीय संविधान और हिन्दू भावनाओं के खिलाफ एक सुनियोजित कदम है।
कॉलेज बन रहा कन्वर्जन का अड्डा
प्रांत सुरक्षा प्रमुख नवीन तेश्वर ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रधानाचार्य की शह पर यह परिसर लव जिहाद और मतांतरण का केंद्र बनता जा रहा है। यह घटना देवभूमि उत्तराखंड और हिन्दू संस्कृति के लिए शर्मनाक है। बजरंग दल इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।” उन्होंने कॉलेज प्रबंधन और आयोजकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
बजरंग दल का प्रदर्शन और मांग
हरिद्वार में बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया। नारेबाजी और धरने के जरिए उन्होंने अपना विरोध दर्ज किया। संगठन ने पुलिस प्रशासन से मांग की कि-
- आयोजकों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई हो।
- कॉलेज प्रबंधन की भूमिका की जांच की जाए।
- हरिद्वार बायलॉज का सम्मान सुनिश्चित किया जाए।
हरिद्वार बायलॉज का महत्व
हरिद्वार नगर पालिका का बायलॉज ऐतिहासिक और संवैधानिक रूप से महत्वपूर्ण है। यह तीर्थनगरी की पवित्रता और सनातन परंपराओं को बनाए रखने के लिए बनाया गया था। बजरंग दल का कहना है कि इस तरह की घटनाएं न केवल नियमों का उल्लंघन हैं, बल्कि हिंदुओं की आस्था पर भी हमला हैं।
क्या होगी आगे की कार्रवाई..?
पुलिस प्रशासन ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, बजरंग दल ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो उनका आंदोलन और तेज होगा। बरहाल यह मामला हरिद्वार ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड में चर्चा का विषय बन गया है।
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