रक्षा बजट में अकूत पैसा झोंक रहा चीन, सेना पर 249 अरब डॉलर खर्च करके धमक बढ़ाने को बेचैन कम्युनिस्ट ड्रैगन
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

रक्षा बजट में अकूत पैसा झोंक रहा चीन, सेना पर 249 अरब डॉलर खर्च करके धमक बढ़ाने को बेचैन कम्युनिस्ट ड्रैगन

बीजिंग को लगता है कि देश की सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के लिए उसमें निवेश करना जरूरी है। लेकिन चीन का ऐसा करना क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है

by Alok Goswami
Mar 8, 2025, 12:16 pm IST
in विश्व, विश्लेषण
राष्ट्रपति शी जिनपिंग की विशेषकर भारत से सटे तिब्बत सेक्टर पर खास नजर है

राष्ट्रपति शी जिनपिंग की विशेषकर भारत से सटे तिब्बत सेक्टर पर खास नजर है

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

चीन का इस साल भी अपने सालाना रक्षा बजट को बढ़ाना भारत के लिए गौर करने जैसी बात है। अभी 5 मार्च को घोषित इस साल के अपने रक्षा बजट में चीन ने 7.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है और अब ये हो गया है 249 अरब डॉलर। इसके मुकाबले भारत का रक्षा बजट 79 अरब डॉलर का है यानी चीन के मुकाबले तीन गुना कम। हालांकि अमेरिका की बात करें तो उसका रक्षा बजट अब भी चीन के रक्षा बजट से चार गुना ज्यादा है। लेकिन दक्षिण एशिया की महाशक्ति बनकर उभर रहे भारत को चीन द्वारा रक्षा मद में किए जा रहे खर्च और सेना पर दिए जा रहे विशेष ध्यान के संदर्भ में ज्यादा होशियार होने की जरूरत है।

हालांकि चालाक चीन अपने सैन्य खर्च को अलग-अलग सेक्टर में आवंटित करके ऐसा दिखाता है कि उसका रक्षा बजट ‘सीमित’ है। लेकिन तथ्य यही है कि अगर अमेरिका के बाद सेना पर सबसे अधिक कोई देश खर्च करता है तो वह चीन ही है। फिलहाल अमेरिका का रक्षा बजट 950 अरब डॉलर के आसपास बताया जाता है।

चीन के रक्षा बजट में बढ़ोतरी अपने वैश्विक प्रभाव को बढ़ाने की उसकी मंशा को झलकाती है

लेकिन जैसा पहले बताया, चीन भारत के मु​काबले अपने रक्षा बजट में तीन गुना ज्यादा राशि लगा रहा हो तो इससे वैश्विक सुरक्षा और शक्ति संतुलन को लेकर गंभीर चिंताएं उभरनी स्वाभाविक हैं। पिछले कुछ साल से चीन में रक्षा बजट बढ़ाते जाने का चलन देखने में आया है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपनी सेना के सर्वो​च्च कमांडर हैं ही लेकिन इधर कुछ साल से वे हर सेक्टर में सेना की तैयारी का जायजा लेते रहे हैं। विशेषकर भारत से सटे तिब्बत सेक्टर पर उनकी खास नजर है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी भले ही बयान देते हों कि ‘भारत और चीन को मिलकर काम करना होगा जिससे दोनों देशों का भला होगा’, लेकिन उनकी यह बौद्धिक बात बीजिंग की करनी के आगे खास मायने रखती नहीं दिखती जो भारत से दुर्भावना जताने का कोई मौका नहीं गंवाता।

चीन सरकार अपनी आधुनिक सैन्य क्षमताओं को बढ़ावा देने पर पूरा फोकस कर रही है। इसमें उन्नत हथियार प्रणालियों, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर युद्ध और अंतरिक्ष क्षमताओं जैसे क्षेत्रों में निवेश शामिल है। चीन के रक्षा बजट में लगतार बढ़त के बारे में रक्षा विशेषज्ञों की राय है कि चीन के रक्षा बजट में बढ़ोतरी अपने वैश्विक प्रभाव को बढ़ाने की उसकी मंशा को झलकाती है। चीन अपने पड़ोसी देशों पर दबाव बनाने और दक्षिण चीन सागर में विवादित क्षेत्रों पर अपनी दावेदारी पुख्ता करने की कोशिश में है। साथ ही, वह अमेरिका के साथ रणनीतिक टकराव के मामले में बीस रहने की कोशिश भी कर रहा है।

सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की रक्षा मद में बढ़ोतरी का मुख्य उद्देश्य ताइवान और भारत जैसे देशों पर धमक जमाने की कोशिश भी है। चीन का यह कदम उसके शक्ति प्रदर्शन और भविष्य में संभावित टकरावों की तैयारी को भी झलकाता है। बीजिंग की यह मंशा उसके दीर्घकालिक रणनीतिक लक्ष्यों के अनुसार ही दिखती है। चीन ने अपने “चीनी सपने” के तहत 2049 तक एक मजबूत, उन्नत और प्रभावी वैश्विक शक्ति बनने का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है। इसके लिए उसे लगता है कि उसकी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के लिए उसमें निवेश करना जरूरी है। लेकिन चीन का ऐसा करना क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।

भारत की बात करें तो, विशेषज्ञों के अनुसार चीन के रक्षा बजट को देखते हुए संभवत: भारत भी अपनी रक्षा क्षमताओं को और बढ़ाने के लिए अपने रक्षा बजट पर गौर करे। आखिर दुनिया के इस हिस्से में उसे चीन के बरअक्स शक्ति संतुलन का ध्यान रखना ही होगा। रणनीतिक दृष्टि से भारत अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया, रूस, फ्रांस जैसे देशों के साथ साझेदारी और सहयोग बढ़ा ही रहा है। तकनीकी रूप से भी भारत को अपनी क्षमताएं उन्नत करनी होंगी। साइबर सुरक्षा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्रों में तो और गहनता से काम करना होगा।

क्षेत्रीय सहयोग के मामले में भारत दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों के बीच एक अच्छी साख बनाए हुए है। भारत की कूटनीति बहुत हद तक चीन के प्रभाव को संतुलित करने और पड़ोसी देशों से सहयोग बढ़ाने में मददगार साबित होगी। आंतरिक सुरक्षा और सीमा विवाद जैसे मुद्दों पर भारत को विशेष ध्यान देते हुए अपना तंत्र मजबूत बनाए रखना होगा। रही बात चीन के साथ सीमा विवादों की तो कमांडर स्तर की बैठकें चल ही रही हैं। हालांकि चीन के अक्खड़ रवैए के चलते इनसे कोई ठोस नतीजे सामने नहीं आ रहे हैं, लेकिन कम से कम बातचीत का एक चैनल तो खुला ही हुआ है जो द्विपक्षीय संबंधों में एक अहम बात है। भारत के ऐसे कदमों का उद्देश्य न केवल चीन के साथ शक्ति संतुलन बनाए रखना है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और शांति के लिए भी यह आवश्यक है। चीन के बढ़ते प्रभाव का सामना करने और अपनी सुरक्षा को मजबूत करने में इसका दूरगामी परिणाम होगा।

दुनिया के अनेक रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि चीन का असल रक्षा व्यय घोषित आंकड़ों से काफी ज्यादा है। उनका अनुमान है कि असली रक्षा बजट तो इसके मुकाबले कम से कम 40-50 प्रतिशत ज्यादा ही होगा

चीन के बढ़ते रक्षा बजट पर बीजिंग स्थित सैन्य विशेषज्ञ वांग शियाओशुआन का कहना है कि यह वृद्धि उचित और संयमित है। वह बताते हैं कि 2016 से चीन के रक्षा खर्च में वृद्धि 10 प्रतिशत से कम रही है, और 2025 के लिए 7.2 प्रतिशत की वृद्धि पिछले वर्षों के खर्च को देखते हुए ही है। वांग मानते हैं कि जीडीपी के प्रतिशत के रूप में चीन का रक्षा खर्च पिछले अनेक वर्षों से 2 प्रतिशत से ज्यादा नहीं रहा है, और अमेरिका तथा उसके सहयोगियों की तुलना में यह बहुत कम है।

दुनिया के अनेक रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि चीन का असल रक्षा व्यय घोषित आंकड़ों से काफी ज्यादा है। उनका अनुमान है कि असली रक्षा बजट तो इसके मुकाबले कम से कम 40-50 प्रतिशत ज्यादा ही होगा। चीन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के आधुनिकीकरण और जल, थल, वायु, परमाणु, अंतरिक्ष और साइबर सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपनी धमक बनाए रखने के लिए इतना पैसा खर्च कर रहा है।

Topics: beijingplaरक्षा बजटIndiadefence budgetChinaarmy modernizationcyber warभारतचीन
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

भारत के एनएसए अजीत डोवल

Operation Sindoor: NSA Doval ने जिन्ना के देश के एनएसए से कहा-भारत तनाव नहीं चाहता, लेकिन हिमाकत की तो कड़ा जवाब मिलेगा

आतंकी मसूद  (File Photo)

Operation Sindoor: ‘अच्छा होता मैं भी मारा जाता’, कुख्यात जैश सरगना आतंकी मसूद ने आपरेशन सिंदूर के बाद जताई इच्छा

भारत द्वारा सीमा रेखा के उस पार चल रहे तीन मुख्य आतंकी अड्डों और उनसे जुड़े ढांचे को पैनी चोट करके ध्वस्त किया गया

आंसू बहा रहा जिन्ना के देश का मीडिया, फौज कर रही दुष्प्रचार

इटली के वित्त मंत्री जियानकार्लो जियोर्जेटी के साथ निर्मला सीमारमण

भारत ने कसा जिन्ना के कंगाल देश पर शिकंजा, अब फंडिंग लेने में छठी का दूध याद आएगा जिहादियों के रखवाले को

टोरंटो में खालिस्तानी समर्थकों द्वारा निकाली गई परेड

चुनाव में पिटे खालिस्तानियों ने निकाली हिन्दू विरोधी रैली, 8 लाख हिन्दुओं को देश से बाहर करने की मांग की

नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री, भारत

पाकिस्तान नहीं भूलेगा यह मार: भारत के 244 जिलों में कल नागरिक सुरक्षा पूर्वाभ्यास, देंगे मुंहतोड़ जवाब

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

Live Press Briefing on Operation Sindoor by Ministry of External Affairs: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

ओटीटी पर पाकिस्तानी सीरीज बैन

OTT पर पाकिस्तानी कंटेंट पर स्ट्राइक, गाने- वेब सीरीज सब बैन

सुहाना ने इस्लाम त्याग हिंदू रीति-रिवाज से की शादी

घर वापसी: मुस्लिम लड़की ने इस्लाम त्याग अपनाया सनातन धर्म, शिवम संग लिए सात फेरे

‘ऑपरेशन सिंदूर से रचा नया इतिहास’ : राजनाथ सिंह ने कहा- भारतीय सेनाओं ने दिया अद्भुत शौर्य और पराक्रम का परिचय

उत्तराखंड : केन्द्रीय मंत्री गडकरी से मिले सीएम धामी, सड़कों के लिए बजट देने का किया आग्रह

हरिद्वार में धामी सरकार एक्शन जारी, आज दो और अवैध मदरसे सील, अब तक 215 मदरसों पर लगे ताले

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies