सिद्धारमैया, मुख्यमंत्री कर्नाटक
नई दिल्ली। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को राज्य का बजट पेश किया। कांग्रेस सरकार ने मुसलमानों का विशेष ध्यान रखा और तुष्टिकरण की राजनीति की सीमा से आगे निकल गई। मुस्लिम समुदाय के लिए बजट में 4700 करोड़ रुपये का प्रावधान किया। सरकारी ठेकों में 4 प्रतिशत आरक्षण दिया। सिद्धारमैया सरकार मस्जिद के इमामों को 6000 रुपये मासिक भत्ता भी देगी। भाजपा ने इसे हलाल बजट बताया और कांग्रेस को तुष्टिकरण का पोस्टर ब्वॉय कहा।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को कर्नाटक का बजट पेश किया। इसमें मुस्लिमों को खुश करने के लिए बड़ी-बड़ी घोषणाएं की गईं। इमामों को ₹6000 मासिक भत्ता, वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए 150 करोड़ का प्रावधान, उर्दू स्कूलों के लिए 100 करोड़ रुपए, अल्पसंख्यक कल्याण के नाम पर 1000 करोड़ का फंड और लोक निर्माण विभाग (PWD) में 4% ठेके मुसलमानों के लिए आरक्षित किए गए।
भाजपा ने औरंगजेब से प्रेरित बजट बताया
भारतीय जनता पार्टी ने तीखा हमला करते हुए इसे मुस्लिम लीग का बजट बताया। शुक्रवार को भाजपा मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में राष्ट्रीय सचिव अनिल एंटनी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 140 करोड़ भारतीयों को ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की ओर सशक्त बनाने के लिए समर्पित हैं। हमारा विकास मंत्र है- सभी का सशक्तीकरण और किसी का तुष्टीकरण नहीं।
भाजपा ने हलाल बजट बताया
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सामाजिक न्याय पर अपनी साख को नजरअंदाज करती दिख रही है और तेजी से मोहम्मद अली जिन्ना की मुस्लिम लीग के आधुनिक संस्करण में तब्दील होती जा रही है। हाल ही में कर्नाटक ने अपने नए आइकन औरंगजेब से प्रेरित बजट जारी किया। भाजपा ने इसे हलाल बजट बताया।
संविधान के खिलाफ काम कर रही कांग्रेस
एंटनी ने कहा कि राज्य सरकार ने वक्फ संपत्तियों की मरम्मत, जीर्णोद्धार और मुस्लिम कब्रिस्तानों के बुनियादी ढांचे और संरक्षण के लिए 150 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृति की है। कांग्रेस संविधान के खिलाफ धर्म के आधार पर आरक्षण देने का काम कर रही है। हम धर्म के आधार पर समाज को बांटने वाली कांग्रेस सरकार की नीति का विरोध करते हैं।
सिर्फ मुसलमानों को अल्पसंख्यक मानती है कांग्रेस
भाजपा ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ मुसलमानों को ही अल्पसंख्यक मानती है और अन्य वास्तव में हाशिए पर रहने वाले समुदायों को नजरअंदाज करती है। मुसलमानों के पास पहले से ही शिक्षा और रोजगार में आरक्षण है, जो संविधान के खिलाफ है। अब उन्हें सरकारी ठेकों में 4 प्रतिशत आरक्षण देना तुष्टीकरण की राजनीति का चरम है। भाजपा इसका विरोध करती है।
(इनपुट हिंदुस्थान समाचार)
Leave a Comment