सुकमा (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सल संगठन में सक्रिय एक महिला सहित पांच नक्सलियों ने शुक्रवार काे पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर किया। इनमें दो-दो लाख रुपये के दो इनामी नक्सली शामिल हैं। एसपी किरण चव्हाण ने इसकी पुष्टि की है।
एसपी किरण ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन की ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ एवं सुकमा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे ‘‘नियद नेल्ला नार’’ योजना से प्रभावित होकर नक्सली संगठन में सक्रिय एकमहिला सहित पांच नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। यह सरकार की नीति और सुरक्षाबलों के प्रभाव और रणनीति का परिणाम है कि नक्सली समाज की मुख्यधारा में लौट रहे हैं।
उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पित नक्सलियों में 38 वर्षीय माड़वी नंदा (पेद्दाबोड़केल आरपीसी सीएनएम अध्यक्ष इनामी दो लाख) निवासी करंगढ़ सरपंचपारा करकनगुड़ा थाना चिंतलनार जिला सुकमा, मड़कम माड़ा (पेद्दाबोड़केल आरपीसी डीएकेएमएस अध्यक्ष इनामी दो लाख) निवासी करकनगुड़ा थाना चिंतालनार जिला सुकमा, 44 वर्षीय महिला कवासी पाले पति स्व. पोज्जा (ग्राम करकनगुड़ा केएमएस अध्यक्ष) निवासी करकनगुड़ा थाना चिंतलनार जिला सुकमा, 34 वर्षीय मड़कम दषरू(पेद्दाबोड़केल आरपीसी सीएनएम उपाध्यक्ष) निवासी भीमापुरम थाना चिंतलनार जिला सुकमा, 25 वर्षीय मड़कम नंदा (ग्राम करकनगुड़ा मिलिशिया सदस्य)निवासी करकनगुड़ सरपंचपारा थाना चिंतलनार जिला सुकमा के द्वारा नक्सल संगठन को छोड़कर समाज की मुख्यधारा मे जुड़ने के उद्देश्य से सात मार्च 2025 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय, जिला सुकमा में सुखविन्द्र सिंह सहायक कमाण्डेन्ट 223 वाहिनी सीआरपीएफ, सहिल छिकारा, सहायक कमाण्डेन्ट 203 कोबरा वाहिनी एवं निरीक्षक रोशन सिंह राजपूत, प्रभारी नक्सल सेल जिला सुकमा के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया गया।
नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रोत्साहित कराने 223 वाहिनी सीआरपीएफ सूचना शाखा के विशेष भूमिका थी। सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ के प्रोत्साहन राशि व अन्य सुविधायें प्रदान किये जायेंगे।
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