उत्तराखंड

देहरादून में 5 अवैध मदरसे और किए गए सील, अब तक 16 हुए बंद

प्रशासन का ये भी कहना था कि जो मदरसा, उत्तराखंड मदरसा बोर्ड में पंजीकृत है उन पर कोई कारवाई अभी नहीं की जा रही है। अवैध मदरसों के बैंक खातों और उनके भू दस्तावेजों की जांच भी की जाएगी। ऐसी सूचनाएं प्रशासन को मिली है कि इन अवैध मदरसों में बाहरी राज्यों के बच्चे लाकर पढ़ाए जा रहे हैं जो कल उत्तराखंड के स्थाई निवासी बनने के हकदार हो जाएंगे।

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दिनेश मानसेरा

देहरादून: जिला प्रशासन ने मुस्लिम संगठनों के विरोध के बावजूद अवैध मदरसों को सील करने की कारवाई को जारी रखा है। इसी क्रम में एक दिन पहले 5 और अवैध मदरसों को सील कर दिया गया।

देहरादून में 60 से अधिक अवैध रूप से संचालित मदरसे पुलिस प्रशासन के वर्फिकेशन में चिन्हित किए गए थे। जिनके खिलाफ डीएम देहरादून ने सख्त रवैया अपना लिया है। जिला प्रशासन, पुलिस, प्राधिकरण और अल्पसंख्यक विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम ने पांच अवैध रूप से संचालित मदरसों पर ताला जड़ते हुए सील कर दिया।

इन मदरसों के पास शिक्षा विभाग, मदरसा बोर्ड की कोई अनुमति नहीं थी और इनकी संस्था के पंजीकरण और इनके भवनों को लेकर अनियमितताएं पाई गई है। देहरादून में अभी तक 16 अवैध मदरसे और एक अवैध रूप से बनाई गई मस्जिद को प्रशासन ने सील किया है। देहरादून प्रशासन की कारवाई के खिलाफ मुस्लिम संगठनों ने जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया था जिस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर पुलिस लाइन के बाहर छोड़ दिया।

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मुस्लिम सेवा संगठन का कहना है कि रमजान के महीने में प्रशासन एकतरफा कार्रवाई कर रहा है। जबकि, प्रशासन का कहना है कि अवैध मदरसा संचालकों को सत्यापन के दौरान जानकारी दे दी गई थी कि उनका मदरसा अवैध रूप से संचालित किया जा रहा है, लिहाजा उन्हें स्वयं बन्द कर देना चाहिए था। प्रशासन का ये भी कहना था कि जो मदरसा, उत्तराखंड मदरसा बोर्ड में पंजीकृत है उन पर कोई कारवाई अभी नहीं की जा रही है।

अवैध मदरसों के बैंक खातों और उनके भू दस्तावेजों की जांच भी की जाएगी। ऐसी सूचनाएं प्रशासन को मिली है कि इन अवैध मदरसों में बाहरी राज्यों के बच्चे लाकर पढ़ाए जा रहे हैं जो कल उत्तराखंड के स्थाई निवासी बनने के हकदार हो जाएंगे।

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