दिल्ली हाईकोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला में क्रिश्चियन मिशेल को दी जमानत
नई दिल्ली, (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में क्रिश्चियन मिशेल को मनी लांड्रिंग केस में जमानत दे दी है। हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद मिशेल के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है, क्योंकि सीबीआई से जुड़े मामले में मिशेल को सुप्रीम कोर्ट पहले ही जमानत दे चुका है। मनी लांड्रिंग मामले में हाई कोर्ट ने 28 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुनवाई के दौरान ईडी ने मिशेल की मनी लांड्रिंग मामले में जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि क्रिश्चियन मिशेल के भागने का खतरा है और अगर वो एक बार भाग गया तो उसे जांच के लिए दोबारा प्रत्यर्पित कराना काफी मुश्किल होगा। सुनवाई के दौरान मिशेल की ओर से पेश वकील ने कहा था कि मिशेल का पासपोर्ट एक्सपायर हो चुका है। मनी लांड्रिंग कानून के तहत अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है और मिशेल छह साल से अधिक समय तक जेल में गुजार चुका है। मिशेल के वकील ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के मामले में जमानत दे दी है।
दरअसल, अगस्ता वेस्टलैंड से 12 हेलीकॉप्टरों की खरीद के मामले में 3600 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला दर्ज किया गया है। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने 7 फरवरी, 2023 को मिशेल की जमानत याचिका खारिज की थी। ईडी ने 3600 करोड़ रुपये के इस घोटाले में मिशेल को जनवरी, 2019 में गिरफ्तार किया था। मिशेल को दुबई से प्रत्यर्पित कर दिसंबर, 2018 में भारत लाया गया था। 23 अक्टूबर, 2020 को कोर्ट ने सीबीआई की ओर से दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। चार्जशीट में 13 को आरोपित बनाया गया है। सीबीआई ने 19 सितंबर, 2020 को पूरक चार्जशीट दाखिल की थी।
चार्जशीट में क्रिश्चियन मिशेल, राजीव सक्सेना, अगस्ता वेस्टलैंड इंटरनेशनल के डायरेक्टर जी सापोनारो और वायुसेना के तत्कालीन प्रमुख एसपी त्यागी के रिश्तेदार संदीप त्यागी समेत 13 को आरोपित बनाया गया है। इस चार्जशीट में पूर्व सीएजी और पूर्व रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा को आरोपित नहीं बनाया गया है, क्योंकि उनके खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए अभी सीबीआई को कोई स्वीकृति नहीं मिली है।
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