विश्व

यूक्रेन में ‘busification’ का खौफनाक राज! चर्चा में क्यों उछला ये शब्द, क्यों कम्युनिस्ट मीडिया ने साधी चुप्पी?

यूक्रेन में आम नागरिकों को जबरन सेना में भर्ती किया जा रहा है, जिसे 'Busification' कहा जा रहा है। वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे यूक्रेन सरकार मिनी बसों में लोगों को जबरदस्ती उठाकर युद्ध क्षेत्र में भेज रही है।

Published by
सोनाली मिश्रा

इन दिनों मीडिया में एक शब्द पर चर्चा हो रही है और वह है busification। यह नया शब्द है और हाल ही में ईजाद हुआ है। मगर इस शब्द में ऐसा क्या विशेष है, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। यह शब्द दरअसल यूक्रेन और रूस के युद्ध के साथ जुड़ा हुआ है।

हाल ही में जब यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंसकी अमेरिका के दौरे पर थे और जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से उनकी झड़प हुई थी, उसी यात्रा के दौरान उनपर अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने यह आरोप लगाया कि वे युद्ध के लिए सेना में जबरन भर्ती करते हैं। अर्थात उन लोगों की जबरन सेना में भर्ती करते हैं, जो सेना में नहीं जाना चाहते हैं।

यह बहुत ही गंभीर आरोप था, मगर जब वहाँ से बात उठी, तो सोशल मीडिया में यह चर्चा में आई और उसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने कई वीडियो जारी करना शुरू कर दिए, जिसमें यूक्रेन की सेना जबरन आम लोगों को उठा रही है, और सेना में भर्ती कर रही है।

वीडियोज़ में दिख रहा है कि लोग सेना की गाड़ियों से बचकर भाग रहे हैं, मगर अंतत: वे पकड़ मे आ ही जाते हैं। सड़क पर चल रहे लोगों को यूक्रेन की सेना के लोग उठाकर ले जाते हैं। वीडियोज़ हैं कि कहीं से भी लोगों को उठाया जा रहा है। पार्क से, घर से, एटीएम जाते समय या सैर करते समय।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बेटे डोनाल्ड ट्रम्प जूनियर ने ऐसे ही वीडियोज़ की थ्रेड को एक्स पर साझा किया और लिखा कि इस थ्रेड में हर वीडियो को देखें, यह बहुत बुरा है:

अब दोबारा से शब्द basification पर आते हैं। और जानते हैं कि इन घटनाओं का इस शब्द से क्या संबंध है? यह शब्द वर्ष 2024 का शब्द है, जिसे वर्ष 2024 में मॉडर्न यूक्रेनियन लैंग्वेज एंड स्लैंग डिक्शनरी “माइस्लोवो” में सम्मिलित किया गया था।

इस शब्द की व्याख्या में कहा गया है कि नया शब्द basification पिछले वर्ष काफी चर्चा मे रहा है। इसका अर्थ है त्वरित प्रक्रिया के अंतर्गत जबरन भर्ती करना और संख्या बढ़ाते रहना एवं साथ ही मानवाधिकारों को अनदेखा कर देना। इस शब्द को bus अर्थात मिनी बस और ification के साथ बनाया गया है, जिसका अर्थ एक्शन या होने के भाव से है।

इसका यह अर्थ हुआ कि एक छोटी प्रक्रिया के माध्यम से लोगों की जबरन भर्ती करना, जो अक्सर कानून और मानवाधिकार दोनों का ही उल्लंघन होती है और इसमें “रीक्रूटिंग वैन” का भी प्रयोग किया जाता है।

इस शब्द को लेकर जो वीडियो साझा किये जा रहे हैं, उससे इस शब्द की व्याख्या को और बेहतर तरीके से समझा जा सकता है। एक मिनी बस (वैन) आती है, उसमें से सेना या पुलिस या फिर किसी भी अन्य सहायक संस्था के अधिकारी नीचे उतरते हैं और वे 18-60 वर्ष के लोगों से छूट वाला दस्तावेज दिखाने के लिए कहते हैं। यदि वह उनके पास नहीं है तो वे उसे उठाकर ले जाते हैं। कभी कभी वे भागने वाले व्यक्ति को गोली भी मार देते हैं।

ऐसा नहीं है कि ये वीडियो आज ही सोशल मीडिया पर पोस्ट किये गए हैं। दिसंबर 2024 का यह वीडियो देखा जाना चाहिए, जिसमें यह दिखाया है कि एक सफेद वैन आती है और लोगों को लेकर चली जाती है

इस शब्द को लेकर भी लोगों के भीतर जिज्ञासा है, एक यूजर ने लिखा कि एक वर्ष पहले उन्होनें यह बताया था कि basification नामक एक नया शब्द यूक्रेन की डिक्शनरी में आने वाला है और यह एक साल बाद आ गया है। इसे लेकर मीडिया एजेंसी ने भी लिखा है कि मिनीबस में आम नागरिकों को जबरन बैठाकर उन्हें सैनिक बनाया जा रहा है। यूक्रेन/रशिया न्यूज़ नामक मीडिया ने एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा है कि जिन लोगों को ऐसे जबरन लेकर जाया जाता है, उनमें से किसी को भी युद्ध क्षेत्र का अनुभव नहीं होता है और वे या तो लाश बनकर वापस आटे हैं या फिर अंगभंग सहित गंभीर चोटों के साथ। और इसमें यह भी लिखा है कि राज्य द्वारा इस आश्वासन के बाद कि सरकार द्वारा घायल सैनिकों की देखरेख की जाएगी, और उन्हें रोजगार दिया जाएगा, ये वादे पूरे नहीं हो रहे हैं। सरकार के पास इलाज या आवश्यक सहायक वस्तुओं को खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं, जिसके चलते पूर्व सैन्य कर्मी समाज में “अनावश्यक” लोग बनकर रह गए हैं।

जेलेंसकी को नायक बताने वाला कम्युनिस्ट मीडिया जबरन भर्ती पर मौन है

यह और भी रोचक है कि जेलेंसकी को नायक साबित करने वाला पूरा कम्युनिस्ट मीडिया जेलेंसकी द्वारा किये जा रहे इस अत्याचार के विषय में एकदम चुप है। वह यह तो बात करता है कि रूस ने यूक्रेन के सैनिकों को मार या फिर लोगों को मारा, मगर यूक्रेन स्वयं अपने नागरिकों के साथ क्या कर रहा है, कैसे वह उन्हें जबरन मौत के मुंह में धकेल रहा है या फिर मरणासन्न स्थितियों में पहुंचा रहा है, उसके विषय में कहीं भी कोई भी चर्चा नहीं है।

 

Share
Leave a Comment

Recent News