एक तरफ भारत सरकार वक्फ बोर्ड में सुधार के लिए वक्फ संशोधन विधेयक को कानूनी रूप देने में लगी हुई है, दूसरी ओर वक्फ बोर्ड अपनी मनमानियों से बाज नहीं आ रहा है। ताजा मामला मध्य प्रदेश के रायसेन जिले का है, जहां वक्फ बोर्ड ने एक पूरे के पूरे हिन्दू बहुल गांव पर ही अपना दावा ठोंक दिया। इसके साथ ही गाव में स्थापित शिवलिंग पर भी उसने क्लेम कर दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, रायसेन के माखनी गांव वालों को वक्फ बोर्ड की ओर से नोटिस भेजा गया है, जिसमें बोर्ड ने कहा है कि वो जिस जमीन पर रह रहे हैं, असल में वो वक्फ बोर्ड की है और उन्हें इसे खाली करना होगा। वक्फ बोर्ड के द्वारा भेजे गए नोटिस में ये कहा गया है कि जहां पर हिन्दू रह रहे हैं, वो असल में कब्रिस्तान की जमीन है। जिन संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड ने क्लेम किया है, उसमें हिन्दुओं के घर, जमीन, चबूतरा, खेत और शिवलिंग तक शामिल हैं। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर जमीन को खाली नहीं किया तो कार्रवाई करेंगे। खास बात ये है कि वक्फ के पास ऐसा कोई सबूत भी नहीं है, जिससे वो ये साबित कर सके कि उक्त जमीन उसकी है।
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3 एकड़ जमीन को वक्फ ने बताया अपना
वक्फ बोर्ड ने गांव की तीन एकड़ की जमीन को भी अपना करार दिया है। वहीं राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में ये जमीन सरकारी संपत्ति के तौर पर दर्ज है। वक्फ बोर्ड का दावा है कि कादर खान नाम के व्यक्ति का ये गांव है और उसी ने वक्फ को ये जमीन दान की है। वहीं गांव के हिन्दुओं ने वक्फ बोर्ड की इस मनमानी का कड़ा विरोध किया है। लोगों का कहना है कि वे लोग कई पीढ़ियों से इस गांव में ही रहते आ रहे हैं। इस गांव में कोई भी कादर खान नहीं रहता था।
लोगों ने दो टूक कहा है कि वे वक्फ बोर्ड की मनमानियों के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे, लेकिन अपना घर औऱ अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे।
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