बद्रीनाथ के पास माणा गांव में ग्लेशियर टूटने की घटना में लापता चार श्रमिकों की तलाश में सेना अपने अत्याधुनिक उपकरणों के साथ जुटी हुई है। इस कार्य में सेना के यांत्रिकी विंग के छोटे रडार और बर्फ में इस्तेमाल होने वाले कैमरों की भी मदद ली जा रही है। वायुसेना और सेना के हेलीकॉप्टर की भी मदद ली जा रही है। बीआरओ की टीमें भी बर्फ हटाने के काम में लगी हुई हैं।इस प्राकृतिक दुर्घटना में चार मजदूरों की मौत हो गई है, अन्य सभी 46 मजदूरों को जोशीमठ लाया गया है जहां उनकी देखभाल की जा रही है। सुबह देहरादून स्थित आपदा नियंत्रण केंद्र पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि गंभीर रूप से घायल लोगों को ऋषिकेश एम्स भेजा जा रहा है। जिन श्रमिकों की हादसे में मृत्यु हुई है उनकी पार्थिव देह को उनके घरों तक भेजे जाने की व्यवस्था की जा रही है।
सीएम धामी ने बताया कि अगले दो दिन फिर से मौसम खराब रहने की चेतावनी को देखते हुए हिमालय क्षेत्र में काम करने वाली एजेंसियों को सचेत किया गया है क्योंकि फरवरी मार्च में हमेशा बर्फ के दरकने की संभवनाएं रहती है।
CM धामी ने बताया कि सेना वायुसेना आईटीबीपी आपदा प्रबंधन की टीमें चिकित्सा दल स्थानीय प्रशासन ने माणा हादसे में एक टीम वर्क की तरह काम किया है। हमारा प्रयास था है कि किसी भी हादसे में त्वरित रिस्पॉन्स की व्यवस्था बनी रहे।
पीएम मोदी के छह मार्च को प्रस्तावित दौरे पर उन्होंने कहा कि मौसम साफ रहा तो प्रधानमंत्री हर्षिल आएंगे।
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