न्यूयॉर्क/नई दिल्ली, (हि.स.)। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अच्छी खबर है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है कि भारत वित्त वर्ष 2025-26 में 6.5 फीसदी की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर्ज करके सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखेगा, जो कि मजबूत निजी निवेश और व्यापक आर्थिक स्थिरता के बल पर संभव होगा।
बहुपक्षीय वित्तपोषण एजेंसी आईएमएफ ने जारी एक बयान में कहा कि भारत का मजबूत आर्थिक प्रदर्शन संरचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है, जो देश को 2047 तक उन्नत अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को साकार करने के लिए महत्वपूर्ण है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा, “खाद्य मुद्रास्फीति कम होने के साथ ही मुख्य मुद्रास्फीति लक्ष्य के करीब पहुंचने की उम्मीद है।”
एजेंसी ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 और 2025-26 में वास्तविक जीडीपी 6.5 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है।
आईएमएफ ने कहा है कि निजी निवेश और एफडीआई को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। इसके लिए स्थिर नीतिगत ढांचे, व्यापार करने में अधिक आसानी, शासन सुधार और व्यापार एकीकरण में वृद्धि की आवश्यकता होगी। इनमें शुल्क और गैर-शुल्क कटौती, दोनों उपाय शामिल होंगे।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार की एजेंसी राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने शुक्रवार को जारी आंकड़ों में बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 की 31 दिसंबर को समाप्त तीसरी तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ 6.2 फीसदी रही है। एनएसओ के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार देश की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 6.5 फीसदी की दर से बढ़ सकती है।
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