नई दिल्ली । नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की हालिया रिपोर्ट ने पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के कार्यकाल में दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं की खस्ताहाल स्थिति का खुलासा किया है। रिपोर्ट में अस्पतालों में कर्मचारियों की भारी कमी, ऑपरेशन थियेटरों के बंद होने और आवश्यक दवाओं की किल्लत जैसी गंभीर अनियमितताओं की ओर इशारा किया गया है।
सीएजी रिपोर्ट को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को विधानसभा में पेश किया, जिसमें कोरोना काल के दौरान दिल्ली सरकार के कुप्रबंधन की भी चर्चा की गई। रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को 9.60 करोड़ रुपये की राशि कोविड-19 टीकाकरण के लिए आवंटित की थी, लेकिन इसे समय पर खर्च नहीं किया गया।
सीएजी के मुताबिक, जनवरी और मार्च 2021 में केंद्र से मिले फंड को दिल्ली सरकार ने अप्रैल और मई 2021 तक रोके रखा। इतना ही नहीं, मार्च 2022 तक कुल आवंटित राशि में से केवल 7.93 करोड़ रुपये ही उपयोग किए गए, शेष राशि खर्च नहीं की गई।
रिपोर्ट के इन खुलासों से यह स्पष्ट होता है कि कोरोना महामारी के दौरान दिल्ली सरकार के कुप्रबंधन के कारण राजधानी के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कोरोना काल में ऑक्सीजन, बेड और टीकाकरण जैसी जरूरी सुविधाओं की कमी के कारण हजारों लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। सीएजी की रिपोर्ट से पूर्ववर्ती सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
Leave a Comment