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इंडोनेशिया में LGBTQ पर शरिया कानून की सजा ! समलैंगिक जोड़े को 82 कोड़े मारने का आदेश

इंडोनेशिया के आचेह प्रांत में दो समलैंगिक युवकों को शरिया कानून के तहत 82 कोड़े मारने की सजा दी गई। क्या मुस्लिम देशों में समलैंगिकता को कभी मिलेगी स्वीकृति? पढ़ें पूरी खबर...

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सोनाली मिश्रा

विश्व के सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया में दो युवकों को समलैंगिक संबंध बनाने के आरोप में कोड़े मारने की सजा दी गई। इंडोनेशिया के आचेह प्रांत में, शरिया कानून लागू हैं और वहाँ पर नवंबर 2024 में एक अपार्टमेंट में एक कमरे में दो युवकों को एक साथ कमरे में कथित रूप से संबंध बनाते हुए पकड़ा गया था। इसके बाद उन्हें शरिया पुलिस के हवाले कर दिया गया था।

उन्हें तीन महीने जेल में रखने के बाद कोड़े मारने की सजा सुनाई गई। इंडोनेशिया के आचेह प्रांत में समलैंगिक संबंध बनाना अपराध है। हयूमेन राइट्स वाच के अनुसार वहाँ पर वर्ष 2012 से लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं कि वहाँ से समलैंगिकों को बाहर निकाला जाए। अक्टूबर 2015 में दो लड़कियों को केवल इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया था, क्योंकि वे गले मिल रही थीं और लोगों को ऐसा संदेह था कि वे समलैंगिक हैं।

ऐसे कई मामले सामने आए थे। आचेह में अदालत में कहा गया कि यह साबित हुआ कि दोनों ही युवकों ने समलैंगिक संबंध बनाए हैं इसलिए उन्हें 85 और 80 कोड़े लगाने की सजा दी जाती है। हालांकि बाद में इस सजा को 82 और 77 कोड़े कर दिया था।

इंडोनेशिया में केवल आचेह प्रांत में ही समलैंगिक संबंधों पर प्रतिबंध है, क्योंकि यहाँ पर शरिया लागू है। मगर पूरे इंडोनेशिया में हालांकि इसे सही नहीं समझा जाता है। आचेह प्रांत में चोरी, जुआ और व्याभिचार जैसे मामलों में भी कोड़े मारने की सजा दी जाती है।

अधिकांश मुस्लिम देशों में समलैंगिकता को गलत माना जाता है और अभी हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में ऐसे इमाम की हत्या गोली मारकर कर दी थी, जिन्होनें खुद को समलैंगिक घोषित किया था। इमाम मुहसिन हैंडरिक्स पहले ऐसे इमाम थे, जिन्होनें समलैंगिकों के लिए मस्जिद बनवाई थी और उन्होनें समलैंगिक मुसलमानों का समर्थन करने के लिए द इनर सर्कल की भी स्थापना की थी। हालांकि इस हत्या को लेकर अभी मकसद स्पष्ट नहीं हो पाया है।

इस्लाम में समलैंगिकता को अपराध माना गया है और इसे लेकर अब लगातार बहसें हो रही हैं। आए दिन फिलिस्तीन एवं अन्य कट्टरपंथी देशों में समलैंगिक युवकों की हत्याएं होती रहती हैं। मगर यह देखना बहुत रोचक है कि समलैंगिकों का एक बहुत बड़ा समूह फिलिस्तीन का समर्थक है। 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमास द्वारा किये गए हमलों के बाद एलजीबीटीक्यू कम्युनिटी के कई लोग फिलिस्तीन के समर्थन में आ गए थे, जबकि फिलिस्तीन में समलैंगिकों को सजा दी जाती है, और इजरायल समलैंगिक समुदाय के प्रति सहिष्णु है।

वर्ष 2024 में अमेरिका के समलैंगिक समुदाय के बीच ये मतभेद उभरकर आए थे। जहां एक तरफ क्वीर फॉर फिलिस्तीन के बैनर थे, तो वहीं दूसरी तरफ वे भी लोग थे, जो यह कह कर उनका विरोध कर रहे थे कि इजरायल में समलैंगिक लोगों को वे अधिकार हैं, जिनकी कल्पना भी फिलिस्तीन में नहीं की जा सकती है और हमें युद्ध में एक पक्ष चुनने के स्थान पर सामाजिक मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।

यह बहुत ही हैरान करने वाला तथ्य है कि समलैंगिकों का समर्थन उन लोगों को नहीं मिलता है, जिन्हें केवल उनकी यौनिक इच्छाओं के चलते कोड़े पड़ने की सजा मिलती है या फिर मौत की सजा मिलती है जैसे कि हमास समलैंगिक लोगों को मारता है।

 

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