वाराणसी । महाशिवरात्रि के दिन बाबा विश्वनाथ के दरबार में 11 लाख 69 हजार 553 श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन किया। वही काशी में भक्तों का रेला अभी रुका नहीं है। प्रयागराज से अयोध्या और वहां से हजारों श्रद्धालुओं को लेकर गुरुवार के दिन दो कुंभ स्पेशल ट्रेन शिवपुर स्टेशन पहुंची। संभावना जताई जा रही है कि आज भी 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालु अयोध्या से काशी पहुंचेंगे। वही कई दिनों के बाद आज से छोटे बच्चों के लिए स्कूलों को भी खोल दिया गया है।
महाशिवरात्रि पर अखाड़ों की पेशवाई और भक्तों के जयकारों से काशी गूंजता रहा। आज शयन आरती तक बाबा का अनवरत दर्शन होता रहेगा। देर शाम महाशिवरात्रि पर बाबा भोलेनाथ की बारात निकली तो काशी में मानों कण कण बाराती बन गया। पहली बार शिव बारात में श्रद्धालुओं पर प्रयागराज महाकुंभ की त्रिवेणी का जल बरसाया गया। काशी में यह पहला अवसर था जब हजारों श्रद्धालुओं पर संगम का जल छिड़का गया।
बाबा के बारात में भूत, प्रेत, पिशाच, किन्नर, देव सहित तमाम विदेश पर्यटक भी इसमें शामिल हुए। बाबा विश्वनाथ और माता गौरा का राजसी श्रृंगार हुआ। बाबा की प्रतिमा को सेहरा भी लगाया गया। महंत आवास पर माता गौरा को मथुरा से मंगवाई गई खास लाल लहंगे में महिलाओं ने श्रृंगार किया। इस दौरान पूरे परिसर में विवाह गीत भी गूंजते रहे। वैदिक ब्राह्मणों ने मंत्रोच्चार के माध्यम से लोक परंपरा को संपन्न कराया।
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