वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में कस्बे के कस्बे पलायन कर जाते थे: CM योगी
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वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में कस्बे के कस्बे पलायन कर जाते थे: CM योगी

वर्ष 2017 के पहले प्रदेश में कोई बेटी सुरक्षित नहीं थी लोग पलायन को मजबूर थे। उस समय कस्बे के कस्बे पलायन कर जाते थे लेकिन 2017 के बाद जो व्यवस्था आई, उसके प्रदेश की कानून व्यवस्था को पूरी तरह से बदल दिया।

by सुनील राय
Feb 25, 2025, 06:53 pm IST
in उत्तर प्रदेश
CM Yogi

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर बोलते हुए कहा कि प्रदेश में वर्ष 2017 के पहले की कानून व्यवस्था की क्या स्थिति थी यह सभी जानते हैं। उस दौरान प्रदेश में हर दूसरे और तीसरे दिन दंगा होता था। प्रदेश में कोई बेटी सुरक्षित नहीं थी लोग पलायन को मजबूर थे। उस समय कस्बे के कस्बे पलायन कर जाते थे लेकिन 2017 के बाद जो व्यवस्था आई, उसके प्रदेश की कानून व्यवस्था को पूरी तरह से बदल दिया। आज उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था देश में एक नजीर बनी हुई है। प्रदेश की कानून व्यवस्था देश में एक मॉडल व्यवस्था बनी है।

सीएम योगी ने NCRB के आंकड़े पेश करते हुए कहा कि वर्ष 2016 की तुलना में वर्तमान में डकैती की घटना में 84.41 प्रतिशत, लूट में 77.43 प्रतिशत, हत्या में 41.01 प्रतिशत, बलवा की घटनाओं में 66.04 प्रतिशत, फिरौती के लिए अपहरण की घटना में 54.72 प्रतिशत, दहेज हत्या में 17.08 प्रतिशत, बलात्कार की घटनाओं में 26.15 प्रतिशत की कमी आई है। सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पूरे देश में महिला संबंधी अपराधों में संलिप्त अपराधियों को सजा दिलाने में नंबर एक पर है। वहीं पुलिस रिफॉर्म के तहत पहली बार प्रदेश के सात जनपदों में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया गया है। इसे लागू करने की बात वर्ष 1973 से 1974 से चल रही थी, लेकिन कोई हिम्मत नहीं कर पा रहा था। हमने लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, कानपुर, वाराणसी, आगरा, गाजियाबाद और प्रयागराज में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया है। इसके अलावा देवबंद, बहराइच, अलीगढ़, कानपुर सहित कई जनपदों में एटीएस की नई फील्ड यूनिट भी गठित की गयी है। तीन महिला पीएसी लखनऊ, गोरखपुर और बदायूं में स्थापित की गयी है। बलरामपुर, जालौन, मीरजापुर, शामली और बिजनौर में पांच अन्य पीएसी बटालियन स्थापित करने की कार्रवाई चल रही है।

सीएम ने कहा कि एक स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स का गठन किया गया है, जो मेट्रो और एयरपोर्ट की सुरक्षा में योगदान दे सके। इसकी छह वाहिनियों का गठन किया गया है। एएनटीएफ का सरकार ने गठन किया है। साइबर क्राइम मुख्यालय लखनऊ में एडवांस साइबर फॉरेंसिक लैब, 18 परिक्षेत्र थानों पर बेसिक साइबर फॉरेंसिक लैब और 57 जनपदों में साइबर क्राइम थानों की स्थापना की गयी है। वर्तमान में 75 जनपदों में साइबर सेल क्रियाशील किए हैं। हर थाने में एक साइबर हेल्प डेस्क का गठन किया गया है। उत्तर प्रदेश में एक उत्तर प्रदेश स्टेट फॉरेंसिक इंस्टिट्यूट का भी गठन किया गया है। वर्तमान में यह संचालित है। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती में 2017 से अब तक 1,56,000 विभिन्न पदों पर भर्ती संपन्न की जा चुकी है।वर्तमान में 60,200 पुलिस कार्मिकों की भर्ती हो रही है, जिनकी अगले एक महीने में ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी। वहीं 30,000 अन्य नई भर्तियां जल्द आने वाली हैं। इसके साथ ही एटीएस को अत्याधुनिक तकनीक और अत्यधिक शस्त्र प्रदान करते हुए वर्ष 2017 तक अब तक 130 आतंकवादियों को और 171 रोहिंग्यों को गिरफ्तार किया गया है। प्रदेश में 2017 की तुलना में कानून व्यवस्था में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। यूपी 112 का जो रिस्पांस टाइम पहले 25 मिनट 42 सेकंड था, वह आज घट करके 7 मिनट 24 सेकंड हुआ है। ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत 11 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

सीएम ने कहा कि ऑपरेशन कनविक्शन के तहत जुलाई 2023 से दिसंबर 2024 तक 51 अभियुक्तों को मृत्यु दंड, 6287 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 1091 अभियुक्तों को 20 वर्ष से अधिक कारावास, 3068 अभियुक्तों को 19 वर्ष तक और 57,885 अभियुक्तों को 9 वर्ष की सजा और 51 हजार 748 अभियुक्तों को 5 वर्ष तक की सजा से दंडित कराया गया है। 19 नवंबर 2019 से अभी तक चिन्हित माफिया गैंग के जो विरूद्ध विचाराधीन कारवाई थी, उसमें प्रभावी पैरवी करते हुए 31 माफिया, 74 संगठित अपराधियों को अलग-अलग आजीवन कारावास की सजा दिलायी गयी है। इसके साथ ही दो को मृत्युदंड की सजा दिलायी गयी है।

सीएम ने कहा कि मिशन शक्ति के तहत पुलिस भर्ती में 20 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा प्रदान की गयी है। वर्ष 2018 में 14.02 प्रतिशत प्रदेश में महिला वर्कफोर्स थी, जो बढ़ करके 35.01 प्रतिशत हुई है। सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी विभिन्न स्कीम के जरिये मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में 22 लाख 11,000 बालिकाओं को लाभ दिया गया है। निराश्रित महिला पेंशन स्कीम समेत विभिन्न पेंशन स्कीम के जरिये 1000 रुपये प्रति महीना यानी 12000 रुपये सालाना दिये जा रहे हैं। एक करोड़ चार लाख से अधिक परिवारों को यह पेंशन की सुविधा सरकार उपलब्ध करवाने का कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 3 लाख 22 हजार जोड़ों की शादी के कार्यक्रम अभी तक संपन्न हुए हैं।

Topics: कानून व्यवस्थाYogi AdityanathUttar Pradesh law and orderउत्तर प्रदेश कानून व्यवस्थाCM yogiUP newsपलायनUP Politicsयूपी न्यूज़
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