अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए अमेरिकी एजेंसी (USAID) पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार चाबुक चला रहे हैं। पहले उन्होंने यूएसएड के द्वारा दी जा रही वैश्विक मदद के नाम पर सरकार को अस्थिर करने वाले फंड को टर्मिनेट कर दिया। इसके बाद अब ट्रंप प्रशासन ने एजेंसी के 1600 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। साथ ही अमेरिका के बाहर एजेंसी में काम करने वाले कई कर्मचारियों को पेड प्रशासनिक छुट्टी पर भेज दिया है।
प्रशासन की ओर से कहा गया है कि उनका ये आदेश 24 अप्रैल 2025 से प्रभावी तौर पर लागू हो जाएगा। अमेरिकी सरकार का ये कदम अमेरिकी सरकार में सहयोगी एलन मस्क के कॉस्ट कटिंग करने के व्यापक अभियान में 6 दशक पुरानी सहायता एजेंसी को खत्म करने की दिशा में नवीनतम कदम है।
रविवार को राष्ट्रपति ट्रंप के प्रशासन ने यूएसएआईएड में 2000 पदों को खत्म करने का ऐलान किया था। सरकार ने ये कदम संघीय अदालत के उस फैसले के बाद उठाया है, जिसमें सरकार को यूएसएआईडी के कर्मियों को हटाने की अनुमति दी गई थी। बताया जा रहा है कि सरकार ने ये कदम USAID को खत्म करने की दिशा में अभियान का हिस्सा है। वाशिंगटन में पहले ही USAID का कार्यालय बंद किया जा चुका है। इसके अलावा दुनियाभर में हजारों की संख्या में USAID रोकी जा चुकी है।
राष्ट्रपति ट्रंप और उनके कटौती प्रमुख एलन मस्क ने खुले तौर पर लगातार USAID कार्यक्रमों की आलोचना की है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि ये सब बेकार और कथित उदारवादी एजेंडे से जुड़ा हुआ है। हालांकि, उनके इन कदमों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खासी आलोचना भी की जा रही है। अंतरराष्ट्रीय सहायता संगठनों और सांसदों ने सरकार को चेताया है कि अगर ऐसा किया गया तो विश्व स्तर पर चलाए जा रहे मानवीय प्रयासों पर बुरा असर होगा।
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