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जर्मनी के आम चुनाव में दक्षिणपंथी AFD ने हासिल की बड़ी जीत, सीरियाई शरणार्थियों की है मुखर विरोधी

जर्मनी में दक्षिणपंथी अल्टरनेटिव फर ड्यूशलैंड (एएफडी) को चुनाव में हासिल हुई बढ़त ने ये दिखाया है कि आम जर्मन इस्लामिक कट्टरपंथ और मौजूदा सरकार की इस्लाम के प्रति उदारता वाली नीतियों के खिलाफ आक्रोशित हैं

Published by
Kuldeep singh

यूरोपीय देश जर्मनी में आम चुनाव हो रहे हैं और इस बार के चुनाव में अवैध अप्रवासियों औऱ सीरियाई शरणार्थियों की समस्या सबसे बड़ा मुद्दा है। इस्लाम के नाम पर फैलाए जा रहे कट्टरपंथ से त्रस्त जर्मन लोग लगातार एक कैंपेन चला रहे हैं कि केवल एएफडी ही जर्मनी को बचा सकता है। एएफडी कोई और नहीं दक्षिणपंथी अल्टरनेटिव फॉर ड्यूशलैंड है। मौजूदा सरकार की नीतियों के खिलाफ लोगों में गुस्सा है। इसका असर ये हो रहा है कि देश के आम चुनाव में दक्षिणपंथी पार्टी ने सर्वाधिक वोट हासिल किए हैं।

माना जा रहा है कि जर्मनी में दक्षिणपंथी अल्टरनेटिव फर ड्यूशलैंड (एएफडी) को चुनाव में हासिल हुई बढ़त ने ये दिखाया है कि आम जर्मन इस्लामिक कट्टरपंथ और मौजूदा सरकार की इस्लाम के प्रति उदारता वाली नीतियों के खिलाफ आक्रोशित हैं। हालांकि, दक्षिणपंथी पार्टी अभी भी अकेले दम पर बहुमत हासिल नहीं कर सकी है। उसे सरकार बनाने के लिए गठबंधन की आवश्यकता होगी। रविवार की रात को उच्च मतदान के बाद सीडीयू/सीएसयू उम्मीदवार फ्रेडरिक मर्ज़ ने सत्तारूढ़ गठबंधन की कोशिशें शुरू कर दी। उन्हें इस चुनाव में तकरीबन 29 फीसदी वोट मिले। जबकि एएफडी को 21 फीसदी वोट मिले हैं।

मध्यमार्गी पार्टियों से बात करते हुए मर्ज ने कहा कि अब हमें जल्द से जल्द जर्मनी में एक ऐसी सरकार के गठन की आवश्यकता है, जो कि एक्शन ले सके। हम अपने घरों में सुरक्षित रह सकें। मर्ज ने ये भी कहा कि हम ये सुनिश्चित कर सकें कि हम यूरोप में अपनी जगह बना सकें। इस बीच एएफडी पार्टी के चांसलर पद के उम्मीदवार एलिस वीडेल ने परिणाम पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि ये हमारे लिए ऐतिहासिक परिणाम है। हम सीडीयू के साथ गठबंधन करके सरकार बनाने के लिए अपने हाथ आगे बढ़ाते हैं, अन्यथा देश में बदलाव ला पाना संभव नहीं होगा।

हालांकि, सरकार बनाने की राह आसान नहीं होने वाली, क्योंकि अधिकतर बड़ी पार्टियां अभी भी एएफडी का समर्थन नहीं करने पर अड़ी हुई हैं। दरअसल, एएफडी पार्टी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की समर्थक माना जाता है। ट्रंप ने भी जर्मनी में नए चुनाव परिणाम की सराहना करते हुए कहा था कि अमेरिका की ही तरह जर्मनी के लोग भी ऊर्जा और आव्रजन पर सामान्य ज्ञान के एजेंडे से अब परेशान हो गए हैं। उन्होंने एएफडी की जीत को जर्मनी के लिए महान दिन करार दिया है।

वहीं फ्रेडरिक मर्ज़ ने ट्रंप विरोधी स्वर निकालते हुए कहा है कि ट्रंप पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि उनकी सरकार यूरोप के प्रति उदासीन है। अब हमें ये देखना होगा कि क्या अभी भी हम नाटो के साथ रह सकते हैं। क्योंकि मेरी प्राथमिकता यूरोप को रक्षा मामलों में अमेरिकी प्रभाव से यूरोप को मुक्त कर उसे मजबूत बनाने की है। इस बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने चुनाव जीत के लिए एएफडी को बधाई देते हुए जर्मनी के साथ काम करने को लेकर प्रतिबद्धता जाहिर की।

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