गुजरात

‘राजनीति कुछ पाने का नहीं, सेवा के माध्यम से लोगों को देने के लिए है’: रिवाबा जडेजा

रिवाबा जडेजा कहती हैं कि हो सकता है कि मुझे मेरे लास्ट नेम जडेजा के कारण एक बार टिकट मिल गया हो। लेकिन, अगली बार चुनाव लड़ने के लिए मुझे अपने पांच साल का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रखना होगा। कोई रवींद्र जडेजा आकर मुझे नहीं बचा पाएंगे।

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Kuldeep singh

पाञ्चजन्य के साबरमती संवाद-3 प्रगति की गाथा कार्यक्रम में भाजपा विधायक रिवाबा जडेजा ने ‘ब्रांड का कमाल’ विषय पर बोलते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद हमने हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र देखा उसके बाद दिल्ली ने देखा कि दिल्ली की जनता ने भाजपा के लिए जो विश्वनीयता दिखाई। 27 साल के बाद दिल्ली की जनता ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर अपना विश्वास जताया। यही है ब्रांड का कमाल।

रिवाबा जडेजा जी ये ‘ब्रांड का कमाल’ कैसे है?

मैं ऐसा मानती हूं कि प्रत्येक स्त्री ब्रांड के साथ ही आगे बढ़ना चाहती है। फिर चाहे आप उसे लास्ट नाम से ही जोड़ लीजिए। मैं ऐसा मानती हूं कि मैं एक जरिया मात्र हूं कि मैं बहुत सारी हमारी बहनों की आवाज बन सकती हूं। अगर मैं उनके लिए केंद्र और राज्य के माध्यम से कुछ कर सकती हूं तो ये मेरे लिए प्रिविलेज है। इसके अलावा अगर कोई मेरे पति के माध्यम से भी मुझे जानता है तो भी ये मेरे लिए प्रविलेज की ही तरह है। व्यक्तिगत तौर पर मेरा ये मानना है कि मेरे पिता ने मुझे बचपन से ही ये सिखाया है कि खुद की पहचान का होना कितना आवश्यक है। जब आप किसी संबंध के जरिए कहीं पहुंचते हैं और उस दौरान खुद को जीवंत बनाए रखना और समाज के लिए कार्य करना बड़ा चैलेंज होता है।

हम विश्वसनीयता की बात कर रहे हैं रिवाबा जी। रवींद्र जडेजा की पत्नी के तौर पर इस विश्वसनीयता को बनाए रखना और आप भी एक इन्फ्लुएंसर हैं और राजनीति में हैं तो इस विश्वसनीयता को बनाए रखना कितना आवश्यक है?

मैं राजनीति में आई तो विपक्ष और मीडिया दोनों ही एक ही कर रहे थे कि मैं तो एक सेलिब्रिटी की पत्नी हूं। इन्हें तो हर महीने 2 महीने में कहीं न कहीं जाना रहेगा अपने पति के साथ। ऐसे में क्या आपके बीच में ये रह पाएंगी? उस दौरान मुझे अपनी विधानसभा के लोगों को बोल के ये समझाना पड़ता था। मेरे लोगों ने मुझपर भरोसा किया और मुझे चुना, क्योंकि लोग समझदार हैं, उन्हें अधिक समय तक आप मूर्ख नहीं बना सकते हैं। जब आप जमीन पर बोते हैं तो आपके एक्शन के जरिए लोग आपको भांप लेते हैं। मेरे ढाई साल के कैरियर में जिस प्रकार से लोगों ने मुझपर अपना भरोसा दिखाया है, उससे मुझे अहसास हुआ है कि जो खबर मेरे बारे में फैलाई जा रही थी, वो एक मिथ थी।

पीएम मोदी ने कहा था कि ये जो फील्ड है, इसमें आप आई हैं कुछ पाने के लिए नहीं, बल्कि कुछ देने के लिए। इसलिए लोगों का भला कीजिए, राजनीति अथवा समाज सेवा के माध्यम से। ऐसे में एक जिम्मेदारी भरा माइंडसेट बहुत ज्यादा जरूरी है। इसके बाद ही आप लोगों का भरोसा हासिल कर पाओगे। दूसरी बात ये कि चलिए हो सकता है कि लास्ट नेम के कारण मुझे टिकट मिल गया हो, लेकिन अगली बार चुनाव लड़ने के लिए मुझे अपने पांच साल का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रखना होगा। वहीं कोई रवींद्र जडेजा आकर मुझे नहीं बचा पाएंगे।

आप हमेशा रवींद्र जडेजा का सम्मान करती हैं, लेकिन वो आपको एक राजनीतिज्ञ के तौर पर कैसे देखते हैं?

वो एक बहुत ही अच्छे इंसान हैं। उन्होंने मेरे राजनीतिक कैरियर को लेकर वक्त प्रोत्साहित किया। अगर सफल होने के लिए मुझे स्ट्रगल करना पड़ता है तो वो मुझे बहुत अधिक मोटिवेट करते हैं। ऐसा इसलिए भी क्योंकि मुझसे कहीं अधिक दबाव उन्होंने देखा है। फील्ड भले ही अलग हो, लेकिन दबाव हर जगह है। मैं एक बात बताना चाहती हूं कि एक बार वर्ल्ड कप चल रहा था तो मैंने बोला कि मुझे भी जाना है, तो उन्होंने कहा कि तुम्हें सबसे पहले अपने प्राथमिकताओं को ध्यान देना होगा। ये मैच तो चलते रहेंगे। क्योंकि लोग मुझसे अधिक आपकी ओर देखेंगे।

ब्रांड कैसे बनता है?

लोकसभा चुनाव के बाद हमने हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र देखा उसके बाद दिल्ली ने देखा कि दिल्ली की जनता ने भाजपा के लिए जो विश्वनीयता दिखाई। ये एक बड़ा उदाहरण है राजनीति के लिए। इससे ये सिद्ध हुआ है कि आप मुफ्त की रेवड़ियों के माध्यम से लोगों को ठग नहीं सकते। आपको लोगों को ठोस विकास की दिशा में लोगों को जोड़ना होगा और लोगों तक पहुंचना होगा। दिल्ली एक बड़ा उदाहरण है कि 27 साल के बाद दिल्ली की जनता ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर अपना विश्वास जताया। इसका एक साक्षी इस साल का बजट भी है, जिसमें सरकार ने मध्यम वर्ग को प्रमुखता से आगे रखा।

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