साबरमती संवाद-3 में बोले CA प्रदीप मोदी-10 साल में रिसर्च में प्रगति हुई, पहले तो वामपंथी नीतियों का ही पालन होता था
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत गुजरात

साबरमती संवाद-3 में बोले CA प्रदीप मोदी-10 साल में रिसर्च में प्रगति हुई, पहले तो वामपंथी नीतियों का ही पालन होता था

CA प्रदीप मोदी ने कहा कि आज देश की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, लेकिन एक सच ये भी है कि युवाओं के योगदान के बिना हम प्रगति नहीं कर सकते हैं। पिछले 10 साल में सरकार ने युवाओं पर फोकस किया है।

by Kuldeep singh
Feb 23, 2025, 07:12 pm IST
in गुजरात
CA Pradeep Modi spoke about research and development

साबरमती संवाद में बोलते प्रदीप मोदी

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

गुजरात के अहमदाबाद में हो रहे पॉञ्चजन्य के साबरमती संवाद-3 प्रगति की गाथा कार्यक्रम में सीए प्रदीप मोदी ने ‘प्रगति का पहिया: प्रशिक्षण’ विषय पर पत्रकार अनुराग पुनेठा के साथ बातचीत की।

 आंत्रप्रन्योशिप को लेकर बात करें तो इस बारे में आपकी क्या सोच है?

आज के वक्त में युवाओं और आम लोगों का जो काम है, देश को 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था कैसे बनाई जाए, इस पर फोकस है। उद्यमी जो है उसकी उद्यमशीलता देश के बारे में सोचकर आगे बढ़े फिर अपने बारे में सोच कर आगे बढ़े उसी पर हमारा फोकस होना चाहिए। आज की तारीख में हमारा मुकाबला अमेरिका, चीन, जर्मनी से नहीं है। अभी हमें दो और पायदान ऊपर जाना है। प्रधानमंत्री जी का विश्वास है कि युवाओं के बल 2026 तक हम 3 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था हम बनेंगे। एक सवाल उठता है कि क्या ये उद्यमिता हमें अपना पैसा लगाकर करना चाहिए? या किस हिसाब से करनी चाहिए? तो आज जिस चीज की सबसे अधिक कमी है वो है रिसर्च की। रिसर्च की कमी होने के कारण ही हमारा युवा अच्छे तरीके से विकास नहीं कर पाता है। रिसर्च के बिना कोई भी बिजनेस आगे नहीं बढ़ सकता है। आज के युवाओं को रिसर्च करके ही कोई काम करना चाहिए।

अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। लेकिन, एक सच ये भी है कि युवाओं का योगदान लिए बिना हम लोग प्रगति नहीं कर सकते हैं। इसलिए अगर हम रिसर्च के साथ अपनी उद्यमशीलता जोड़ें तो हम अच्छी प्रगति कर सकते हैं।

क्या भारतीय शिक्षा पद्धति में रिसर्च को लेकर थोड़ी अनिश्चितता बनी रहती है। सुनने में ये अच्छा लगता है, लेकिन यह व्यवहारिक है, इसको लेकर क्या मानते हैं?

कोरिया की इंडस्ट्री के बड़े नाम सैमसंग, एलजी या फिर हुंडई है, इन सभी कंपनियों का रिसर्च ले लो तो ये सबसे पहले तो स्माल इंडस्ट्री थी। स्मॉल इंडस्ट्री से शुरू होकर आज ये कंपनी विश्व के कौन से पायदान पर खड़ी हैं आप खुद ही देख लीजिए। रिसर्च का अर्थ एक कमरे में बैठकर पढ़ाई करना ही नहीं है। आपको उस चीज में जमीनी स्तर पर शामिल होगा, जिसमें आप विश्वास करते हो। आपको जमीनी एक्सपेरिमेंट करने होंगे। अगर आप उस चीज में विश्वास करते हैं, जो आप कर रहे हैं तो कोई भी ताकत आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती। अगर अमेरिका की बात करें तो वो 29 ट्रिलियन डॉलर, चीन 19 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी है। अभी भी हम रिसर्च में बहुत पीछे हैं। जबकि, जर्मनी और जापान हमसे कहीं आगे हैं और आप उनकी प्रगति देख लो। जर्मनी में 65 फीसदी से अधिक इंडस्ट्री एमएसएमई से कंट्रोल की जाती है।

पिछले कुछ सालों में ये माहौल बना है कि क्या इन 10 सालों में आपने देखा है कि रिसर्च की दिशा में कुछ काम हो रहा है?

ईमानदारी से कहूं तो ‘हां’ थोड़ी तो प्रगति हुई है। लेकिन ये काफी नहीं है। कई देश अपनी जीडीपी का 6-7 फीसदी रिसर्च पर खर्च करते हैं, लेकिन हम एक फीसदी से भी कम खर्च करते हैं। ये हाल अभी के अभिगम के समय है। पहले तो हम अपनी वही मार्क्सवादी, कम्युनिस्ट नीतियों को पढ़ते रहते थे। आज की तारीख में निश्चित तौर पर थोड़ा-बहुत सकारात्मक परिवर्तन हुआ है। देश में जीडीपी का कम से कम 5 फीसदी खर्च करना पड़ेगा। देश का बजट 450000 करोड़ का है, लेकिन तीन दिन पहले जारी किया गया गुजरात का बजट 3 लाख करोड़ का है, जिसमें दुर्भाग्य से रिसर्च को कोई प्राथमिकता नहीं दी गई। हमारा सबकुछ अच्छा है, लेकिन फिर भी हम रिसर्च में मात खा रहे हैं। आज अगर आप अमेरिका में जाएंगे तो आप पाएंगे कि हमारे यहां के ही इंजीनियर रिसर्च एंड डेवलपमेंट करके अच्छी प्रगति कर रहे हैं।

हम हमारी पुरानी सनातन संस्कृति को भूल गए। एक बार हम ये सोचें कि जिस वक्त लोगों को कपड़ा पहनने की भी तमीज नहीं थी, उस दौरान हम विज्ञान और एस्ट्रोलॉजी के बारे में रिसर्च कर रहे थे। इसलिए हमारे पास दिमाग और लॉजिक की कमी नहीं है। केवल रिसर्च की कमी है। गुजरात आंत्रप्रन्योरशिप में आगे है, लेकिन कई राज्यों में इसका विकास ही नहीं हुआ। नीति आयोग की एक परियोजना के बारे में बात करें तो केंद्र सरकार के नीति आयोग में एक परियोजना चल रही है वो है प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना। अगर आपकी रिसर्च में कोई रुचि है तो आप इसमें रजिस्टर कर सकते हैं। इसके तहत हमारे 16 मंत्रालय एक साथ काम कर रहे हैं।

जब आप रिसर्च की बात करते हैं तो क्या ये इको सिस्टम से जुड़ा है? क्या हमारे पास इको सिस्टम है इसका समर्थन करने के लिए?

हमारा इको सिस्टम पूरी तरह से तैयार है। हमें हमारी व्यवस्था पर कोई शक नहीं है। हमें केवल एक धक्के की आवश्यकता है। हमें नौकरशाही से बाहर निकलने की आवश्यकता है। हमें कुछ फैसले लेने की आजादी देनी होगी। कोविड का उदाहरण हमारे सामने है। जो पीपीई किट हम नहीं बनाते थे, एक माह के बाद 180 देशों को हमने पीपीई किट का निर्यात किया। इसलिए इकोसिस्टम में कोई कमी नहीं है। हमारा बैलेंस ऑफ पेमेंट केवल अमेरिका के साथ सरप्लस है, बाकी सभी देशों के साथ ये नेगेटिव है।

Topics: Sabarmati Samvad-3भारत में रिसर्च की स्थितिआंत्रप्रन्योरशिप#panchjanyaStatus of Research in Indiaअर्थव्यवस्थाeconomyपाञ्चजन्यresearchentrepreneurshipरिसर्चसाबरमती संवाद-3
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

इटली के वित्त मंत्री जियानकार्लो जियोर्जेटी के साथ निर्मला सीमारमण

भारत ने कसा जिन्ना के कंगाल देश पर शिकंजा, अब फंडिंग लेने में छठी का दूध याद आएगा जिहादियों के रखवाले को

प्रसिद्ध अमेरिकी अर्थशास्त्री और वै​श्विक नीति विशेषज्ञ जेफरी सैक्स

अब अमेरिका के नीति विशेषज्ञ ने कहा, आर्थिक शक्ति बन चुके भारत को UNSC में मिले स्थायी सीट

दून विश्वविद्यालय में शुरू होगा सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज, विभिन्न विषयों पर होगी रिसर्च : सीएम धामी

अर्थ विशेषज्ञों का कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप इन टैरिफों से अमेरिका में मुद्रास्फीति बढ़ने की संभावना है

लुढ़क रहे दुनिया के शेयर बाजार, ट्रंप की टैरिफ नीतियों से क्या मंदी की ओर बढ़ रहा America?

वक्फ संशोधन विधेयक : तुष्टीकरण की राजनीति पर संवैधानिक अंकुश

राज कुमार भाटिया को प्रदान किया गया प्रो. देवेन्द्र स्वरूप सम्मान

राज कुमार भाटिया को मिला पहला प्रो. देवेन्द्र स्वरूप सम्मान

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

बौखलाए पाकिस्तान ने दागी रियाशी इलाकों में मिसाइलें, भारत ने की नाकाम : जम्मू-पंजाब-गुजरात और राजस्थान में ब्लैकआउट

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

Live Press Briefing on Operation Sindoor by Ministry of External Affairs: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies