उत्तर प्रदेश

संभल में सनातन तीर्थों का पुनरोद्धार: 44 देव तीर्थ अतिक्रमण मुक्त, बोले DM राजेंद्र पेंसिया

संभल महात्म्य में जिस प्रकार का वर्णन किया गया है उसके अनुसार संभल के तीन कोनों पर तीन शिव मंदिर हैं। इनके बीच में 87 देव तीर्थ और 5 महातीर्थ हैं।

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Kuldeep singh

भगवान कल्कि के अवतरण की भूमि बताए जा रहे संभल में एक-एक करके सनातन तीर्थ अब सामने आ रहे हैं। इसको लेकर संभल जिले के डीएम राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि संभल महात्म्य में जिस प्रकार का वर्णन किया गया है उसके अनुसार संभल के तीन कोनों पर तीन शिव मंदिर हैं। इनके बीच में 87 देव तीर्थ और 5 महातीर्थ हैं।

समाचार एजेंसी से बात करते हुए राजेंद्र पेंसिया कहते हैं कि इन सभी तीर्थों में अधिकतर पर अतिक्रमण किया गया था। 87 में से अब तक 60 देव तीर्थों को ढूंढा जा चुका है,जिसमें से 44 देव तीर्थों को अतिक्रमण मुक्त कराया जा चुका है। बाकी को ढूंढकर अतिक्रमण मुक्त कराए जाने की प्रक्रिया जारी है। सभी तीर्थों का पुनरोद्धार करने के लिए एक विस्तृत डीपीआर बनाकर सरकार को भेजने जा रहे हैं। इसके अलावा वंदन योजना के अंतर्गत, नगर पालिका परिषद के 15वें वित्त के अंतर्गत व पर्यटन और धर्मार्थ विभाग के अंतर्गत जो भी बजट हमें दिया जा रहा है, उससे हम अपनी तैयारियां कर रहे हैं।

यमघंट तीर्थ, चतिष्मुख कूप समेत जितने भी कूप हैं, उन्हें शीघ्र ही पुनर्जीवित करने की कोशिशें की जा रही हैं। ऐसा इसलिए भी क्योंकि वर्षा आने वाली है और वर्षा के आगमन पर इसके जरिए जल संरक्षण होगा। क्योंकि, संभल सूखे के जोन में पड़ता है और इसका फायदा जल स्तर को होगा। हमारे इन तीर्थों को जल तीर्थ कहा जाता था ऐसे में इनका पुनरोद्धार आवश्यक है।

संभल में तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की संख्या बढ़ी

संभल में पर्यटन को लेकर जिलाधिकारी ने कहा कि पर्यटन के लिहाज से देखें तो बीते कुछ वक्त में संभल में पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ी है। डीएम के मुताबिक, बाहर से तो लोग यहां के तीर्थों के बारे में जानने के लिए आ ही रहे हैं, लेकिन इसके साथ ही यहां के लोकल लोग भी इन जगहों पर पहुंच रहे हैं। लोगों का कहना है कि हमने तो केवल किताबों में पढ़ा था कि यहां तीर्थस्थल हैं, अब असल जिंदगी में देखने को मिल रहा है। जब 48 किलोमीटर की 24 कोसी परिक्रमा पूर्ण रूप से होगी और उसके साथ-साथ सभी तीर्थों का सौंदर्यीकरण होगा तो ये संभल की अर्थव्यवस्था का मुख्य साधन बनेगा।

जिलाधिकारी ने उम्मीद जताई कि तीर्थों की मुक्ति के बाद काशी, मथुरा, प्रयाग की ही तरह संभल भी आने वाले दिनों में तीर्थाटन का बड़ा हब बनेगा।

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